Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Jul, 2020 06:24 PM
कृषि क्षेत्र की कंपनियों को बढ़ावा देने के संदर्भ में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में पहले चरण में 11.85 करोड़ रुपए की राशि के साथ 112 स्टार्ट-अप कंपनियों का वित्तपोषण करेगी।
नई दिल्लीः कृषि क्षेत्र की कंपनियों को बढ़ावा देने के संदर्भ में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में पहले चरण में 11.85 करोड़ रुपए की राशि के साथ 112 स्टार्ट-अप कंपनियों का वित्तपोषण करेगी। उन्होंने कहा कि यह धनराशि कृषि प्रसंस्करण, खाद्य प्रौद्योगिकी और मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में विभिन्न ज्ञान भागीदारों और कृषि व्यवसाय इन्क्यूबेटरों द्वारा चयनित स्टार्ट-अप्स को दी जाएगी। यह वित्तपोषण, पुर्नोद्धार किए गए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत शुरू किए गए नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत प्रदान किया जाएगा।
तोमर ने एक बयान में कहा, ‘‘पहले चरण में, कृषि प्रसंस्करण, खाद्य प्रौद्योगिकी और मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में 112 स्टार्ट-अप को 11.85 करोड़ रुपए का वित्तपोषण किया जाएगा।'' उन्होंने कहा कि धनराशि किस्तों में जारी की जाएगी और चयनित स्टार्ट-अप को पूरे भारत में फैले 29 एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटरों में दो महीने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा, इन स्टार्ट-अप्स से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा ये स्टार्ट-अप्स, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से, किसानों को अवसर उपलब्ध करा करके उनकी आय बढ़ाने में योगदान करेंगे।
सरकार ने देश भर में विज्ञापन और कठोर चयन प्रक्रिया के बाद उत्कृष्टता केंद्र के रूप में पांच ज्ञान साझेदारों को और 24 आरकेवीवाई-आरएएफटीएएआर एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) के रूप में शिनाख्त की है। कृषि में निजी निवेश बढ़ाने पर जोर देते हुए, तोमर ने कहा कि उनकी दृष्टि युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने और इस क्षेत्र का कायाकल्प करने की है। उन्होंने कृषि को प्रतिस्पर्धी बनाने, कृषि-आधारित गतिविधियों को मदद करने और नई तकनीक को जल्द से जल्द अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
तोमर ने यह भी स्मरण किया कि भारत में कृषि अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा की प्रगति की समीक्षा करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी-ने महीने के आरंभ में, कृषि और इससे सम्बद्ध क्षेत्रों में नवाचार और प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्टार्ट-अप और कृषि-उद्यमियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया था।