Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 09:00 AM
शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटैक लिमिटेड को एक घर खरीदार को उसे आबंटित फ्लैट का कब्जा समय पर नहीं देने के कारण 29.5 लाख व मुआवजे के रूप में 25,000 रुपए लौटाने का आदेश दिया...
नई दिल्ली: शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटैक लिमिटेड को एक घर खरीदार को उसे आबंटित फ्लैट का कब्जा समय पर नहीं देने के कारण 29.5 लाख व मुआवजे के रूप में 25,000 रुपए लौटाने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
गुरुग्राम के रहने वाले मनीष दरयानी ने कहा कि उसने यूनिटैक लिमिटेड की गुरुग्राम के सैक्टर 70 में प्रस्तावित परियोजना ‘यूनिटैक साऊथ पार्क’ में एक फ्लैट बुक किया था। उस फ्लैट की कीमत 91 लाख रुपए थी। इसे मार्च 2011 में बुक किया गया था। समझौते के तहत 3 साल के भीतर यानी 2014 में फ्लैट का कब्जा देने की बात कही गई थी। शिकायतकत्र्ता ने आरोप लगाया कि बिल्डर ने 29 लाख 57 हजार 49 रुपए का भुगतान करने के बावजूद निर्माण कार्य शुरू नहीं किया। इसकी वजह से उसने राहत के लिए एन.सी.डी.आर.सी. का दरवाजा खटखटाया।
यह कहा आयोग ने
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एन.सी.डी.आर.सी.)के पीठासीन सदस्य न्यायमूर्ति वी.के. जैन ने फर्म को मनीष दरयानी को फ्लैट की राशि 29.5 लाख रुपए व सेवा में कमी के लिए 25,000 रुपए का मुआवजा भी देने का निर्देश दिया है।