Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Aug, 2018 10:59 AM
अमरीका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर की वजह से भारत को ईरान से तेल खरीदने की छूट मिल सकती है। हो सकता है कि 4 नवम्बर से यू.एस. के प्रतिबंध लागू होने के बाद भी भारत ईरान से कच्चा तेल आयात करता रहे।
नई दिल्ली: अमरीका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर की वजह से भारत को ईरान से तेल खरीदने की छूट मिल सकती है। हो सकता है कि 4 नवम्बर से यू.एस. के प्रतिबंध लागू होने के बाद भी भारत ईरान से कच्चा तेल आयात करता रहे। दरअसल चीन के ऑयल इंपोर्टर यूनिपेक ने यू.एस. शिपमैंट को रोक दिया है।
कहा जा रहा है कि चीन अमरीका के कच्चे तेल पर भी आयात शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है। हालांकि चीन ने पिछले सप्ताह शुल्क की जो लिस्ट जारी की है उसमें कच्चा तेल शामिल नहीं था। जानकारों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कुछ शिप रास्ते में थे और रिफाइनर्स के साथ उनका सौदा पहले से हो चुका था। दूसरे कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि चीन अमरीका से सौदेबाजी करके सस्ती कीमतों में तेल खरीदना चाहता है।
स्थितियां भारत के लिए फायदेमंद
उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि दोनों ही स्थितियां भारत के लिए फायदेमंद हैं। चीन एशिया में सबसे बड़ा तेल आयातक है और ईरान का भी बड़ा ग्राहक है। भारत ईरान से तेल खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। रिफानिंग कम्पनियों के अधिकारियों के मुताबिक अगर चीन यू.एस. से तेल नहीं खरीदता है तो उसका बड़ा आयातक भारत बचेगा। ऐसे में भारत 5-6 प्रतिशत आयात बढ़ा सकता है। ऐसे में भारत के पास अमरीका से अपनी शर्त मनवाने का मौका होगा और प्रतिबंधों को लेकर भी अपनी बात मनवाई जा सकती है।
चीन भी ईरान से तेल खरीदना रख सकता है जारी
उन्होंने कहा कि अमरीका के खिलाफ इसी सौदेबाजी का उपयोग करके चीन भी ईरान से तेल खरीदना जारी रख सकता है। इसका मतलब जब तक बाजार में ईरान का तेल रहेगा, कीमतें भी सीमित रहेंगी। इससे प्रतिबंधों का असर भी कम हो जाएगा। 2010 से 2011 तक सऊदी अरब के बाद ईरान भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर था लेकिन अमरीका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद यह 7वें स्थान पर चला गया था।