भारत के कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा तिमाही नुकसान, Vodafone-Idea को 50921 करोड़ रुपए का घाटा

Edited By Updated: 15 Nov, 2019 10:10 PM

देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया को वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपए का वित्तीय घाटा हुआ है। समायोजित सकल आय (एजीआर) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बकाया सांविधिक देनदारियों के लिए भारी खर्च के प्रावधान के चलते...

नई दिल्लीः देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया को वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपए का वित्तीय घाटा हुआ है। समायोजित सकल आय (एजीआर) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बकाया सांविधिक देनदारियों के लिए भारी खर्च के प्रावधान के चलते वोडाफोन आइडिया ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारी नुकसान दिखाया है। यह भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में अभी तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा है।
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पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी कंपनी
कंपनी ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने जा रही है। कंपनी ने यह भी कहा है कि उसका कारोबार चल पाना सरकार की ओर से राहत और कानूनी मसलों के सकारात्मक समाधान पर निर्भर करेगा। कंपनी ने एक बयान में कहा एजीआर पर कोर्ट के फैसले का दूरसंचार उद्योग की वित्तीय स्थिति पर बड़े प्रभाव पड़ेंगे। सितंबर 2019 को समाप्त तिमाही में कंपनी ने कुल 50,921 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा दिखाया है। पिछले वित्त वर्ष इसी अवधि में कंपनी को 4,874 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। आलोच्य तिमाही में कंपनी की आय 42 फीसदी बढ़कर 11,146.4 करोड़ रुपए रही है। अनुमान है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद कंपनी को सरकार की बकाया देनदारियों के लिए 44,150 करोड़ रुपए चुकाने होंगे। कंपनी ने 2019-20 की दूसरी तिमाही में इसके लिए 25,680 करोड़ रुपए का भारी भरकम प्रावधान किया है।
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जियो के कारण दूरसंचार कंपनियों पर वित्तीय संकट
एजीआर पर कोर्ट के फैसले के बाद वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल और अन्य दूरसंचार सेवा प्रदाताओं पर सरकार की कुल 1.4 लाख करोड़ रुपए की पुरानी सांविधिक देनदारी बनती है। इसके चलते पूरे दूरसंचार उद्योग में घबराह का माहौल है। रिलायंस जियो के बाजार में प्रवेश करने के बाद से दूरसंचार कंपनियां वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं और उन पर अरबों डॉलर का कर्ज बकाया है। बता दें कि पिछले महीने कोर्ट ने एजीआर की सरकार द्वारा तय परिभाषा को सही माना था। इसके तहत कंपनियों की दूरसंचार सेवाओं के इतर कारोबार से प्राप्त आय को भी उनकी समायोजित सकल आय का हिस्सा मान लिया गया है। इसके चलते कंपनियों पर स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी जैसी मदों में देनदारी अचानक बढ़ गयी है। दूरसंचार विभाग के नवीनतम आकलन के मुताबिक भारती एयरटेल पर सरकार का पुराना सांविधिक बकाया 62,187 करोड़ रुपए और वोडाफोन आइडिया पर 54,184 करोड़ रुपए बनता है।
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