वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील की डिटेल्स खंगाल रहा IT डिपार्टमैंट

Edited By Supreet Kaur,Updated: 01 Jun, 2018 09:50 AM

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इंकम टैक्स (आई.टी.) डिपार्टमैंट ने भारतीय ई-कॉमर्स कम्पनी फ्लिपकार्ट को खरीदने की वॉलमार्ट की डील के ब्यौरे को खंगालना शुरू कर दिया है। डिपार्टमैंट के कहने पर फ्लिपकार्ट ने इस डील की डिटेल्स उसे दे दी हैं। डिपार्टमैंट के एक सीनियर अधिकारी ने बताया...

नई दिल्लीः इंकम टैक्स (आई.टी.) डिपार्टमैंट ने भारतीय ई-कॉमर्स कम्पनी फ्लिपकार्ट को खरीदने की वॉलमार्ट की डील के ब्यौरे को खंगालना शुरू कर दिया है। डिपार्टमैंट के कहने पर फ्लिपकार्ट ने इस डील की डिटेल्स उसे दे दी हैं। डिपार्टमैंट के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि उन्होंने सवालों के जवाब दे दिए हैं। विभाग उन पर गौर कर रहा है।

9 मई को वॉलमार्ट ने 16 अरब डॉलर में फ्लिपकार्ट में करीब 77 प्रतिशत हिस्सा खरीदने का ऐलान किया था। उस आधिकारिक घोषणा से पहले इंकम टैक्स अथॉरिटीज ने फ्लिपकार्ट को पत्र भेजकर ट्रांजैक्शन की डिटेल्स मांगी थीं ताकि यह देखा जा सके कि सरकार को इसमें कितना टैक्स मिल सकता है। इन डिटेल्स के आधार पर डिपार्टमैंट यह तय करेगा कि इसमें कितनी टैक्स देनदारी बनेगी क्योंकि फ्लिपकार्ट में हिस्सा रखने वाले जिन निवेशकों ने अपना स्टेक बेचा है उनमें से कई नॉन-रैजीडैंट्स हैं। फ्लिपकार्ट की पेरैंट इकाई सिंगापुर में रजिस्टर्ड है। इस मामले में जनरल एंटी अवायडैंस रूल्स का सहारा भी लिया जा सकता है, जिनके मुताबिक कर संधियों के तहत मिलने वाले टैक्स बैनेफिट्स पर तब रोक लग जाती है, जब कोई स्ट्रक्चर ये फायदे उठाने भर के लिए बनाए गए हों।

वॉलमार्ट को पत्र भेजकर मांगी डिटेल्स
आई.टी. डिपार्टमैंट ने अमरीकी रिटेलर वॉलमार्ट को भी पत्र भेजकर ट्रांजैक्शन की डिटेल्स मांगी हैं और उसे भारत के टैक्स कानूनों की जानकारी दी है। डिपार्टमैंट ने उसे इनडायरैक्ट ट्रांसफर से जुड़े नियमों की जानकारी दी है और कहा है कि अगर कुछ समझ में नहीं आ रहा हो तो वह विभाग से संपर्क करे। अधिकारी ने बताया कि वॉलमार्ट ने इस पत्र का औपचारिक जवाब अभी नहीं दिया है। डिपार्टमैंट का मानना है कि विदहोल्डिंग टैक्स से जुड़े इंकम टैक्स के प्रावधान फ्लिपकार्ट के उन नॉन-रैजीडैंट इनवैस्टर्स के संबंध में लागू होंगे, जिन्होंने अपना हिस्सा वॉलमार्ट को बेचा है। रैजीडैंट सेलर्स को स्टेक वॉलमार्ट के हाथ बेचने पर जो भी प्रॉफिट हाथ लगेगा, उस पर उन्हें कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होगा।

कई निवेशकों की है फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी
सॉफ्टबैंक, टाइगर ग्लोबल, एस्सेल पार्टनर्स और नैस्पर्स का फ्लिपकार्ट में बड़ा हिस्सा था। फ्लिपकार्ट की सिंगापुर बेस्ड होल्डिंग कम्पनी में इन निवेशकों की मॉरीशस और जर्सी सहित कई टैक्स ज्यूरिसडिक्शंस में मौजूद अपनी इकाइयों के जरिए हिस्सेदारी थी। भारत ने सिंगापुर और मॉरीशस के साथ टैक्स ट्रीटी में बदलाव किए थे। इसके चलते इन देशों से निवेश पर कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा। डिपार्टमैंट फ्लिपकार्ट में निवेश पर द्विपक्षीय कर संधियों में बदलाव के मुताबिक ही नजर डालेगा।

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