ग्रामीण मांग की कमजोरी का रोजमर्रा के उपभोक्ता बाजार पर रहा असर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Dec, 2019 06:51 PM

weakness of rural demand has impacted everyday consumer market

ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री घटने से रोजमर्रा उपभोग की वस्तु (एफएमसीजी) क्षेत्र में 2019 में असर पड़ा। एफएमसीजी उद्योग को साल 2020 की दूसरी छमाही में उपभोक्ता मांग और घरेलू खरीद में सुधार की उम्मीद है। एफएमसीजी उद्योग की ग्रामीण बिक्री 2019 में गिर...

नई दिल्लीः ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री घटने से रोजमर्रा उपभोग की वस्तु (एफएमसीजी) क्षेत्र में 2019 में असर पड़ा। एफएमसीजी उद्योग को साल 2020 की दूसरी छमाही में उपभोक्ता मांग और घरेलू खरीद में सुधार की उम्मीद है। एफएमसीजी उद्योग की ग्रामीण बिक्री 2019 में गिर गई। आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की बिक्री शहरी क्षेत्रों की बिक्री से ज्यादा रहती है। 

पूंजी उपलब्धता की कमी समेत अन्य कारकों की वजह से पिछली दो तिमाहियों में ग्रामीण बिक्री शहरी बिक्री के आधे पर रह गई है। एफएमसीजी उद्योग का मानना है कि यह उतार-चढ़ाव अल्प - कालिक है। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर खर्च और ग्रामीण क्षेत्र में व्यय में वृद्धि से 2020 की दूसरी छमाही में क्षेत्र के वापस पटरी पर आने की उम्मीद की है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति, अच्छे मानसून समेत अन्य कारकों पर भी निर्भर करेगा।

विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि 2020 में एफएमजीसी क्षेत्र की वृद्धि दहाई अंक में पहुंचना मुश्किल है। एडेलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज के कार्यकारी उपाध्यक्ष अवनीश रॉय ने कहा, "दो तिमाही के बाद एफएमसीजी क्षेत्र में सुधार होना चाहिए। एक या दो तिमाही बहुत कठिन दौर है और यह जीडीपी वृद्धि दर से जुड़ा है। यदि आर्थिक वृद्धि दर फिर से 6.5 से 7 प्रतिशत पर आ जाती है तो एफएमजीसी क्षेत्र में सुधार होगा। फिलहाल, मैं पहली दो तिमाहियों में कोई बड़ा सुधार नहीं देख रहा हूं।" 

दिग्गज एफएमसीजी कंपनी आईटीसी के प्रवक्ता ने कहा, "भारत वृद्धि के अवसरों का बाजार है। हमें भरोसा है कि प्रति व्यक्ति कम खपत और उत्पादों की कम पहुंच के साथ-साथ सरकार की ओर से किए गए उपायों से समय के साथ उपभोक्ता मांग बढ़ेगी।" रेटिंग एजेंसी नीलसन ने कहा, "एफएमसीजी क्षेत्र की वृद्धि जनवरी-मार्च 2020 में 7.5-8.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है और कई कारक इसे प्रभावित कर रहे हैं। इसमें मुद्रास्फीति जैसे वृहद आर्थिक कारक शामिल हैं। नीलसन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण भारत का कुल एफएमसीजी खर्च में 36 प्रतिशत का योगदान है और यह शहरी क्षेत्रों की तुलना में 3 से 5 प्रतिशत की तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, हाल के समय में ग्रामीण क्षेत्र की बिक्री में गिरावट आई। उसने कहा कि यह ग्रामीण क्षेत्र का पिछले सात सालों में सबसे खराब प्रदर्शन है। हालांकि, रॉय ने कहा कि एफएमसीजी क्षेत्र पटरी पर वापस आ जाएगा और उसके पास वृद्धि की पर्याप्त गुंजाइश है। 

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