Edited By ,Updated: 27 Apr, 2017 04:12 PM
सेकंड हैंड कार खरीदने को लेकर लोगों के मन में सबसे पहला जो ख्याल आता है.....
नई दिल्लीः सेकंड हैंड कार खरीदने को लेकर लोगों के मन में सबसे पहला जो ख्याल आता है, वह है - 'खर्चा कम होता है।' इसके अलावा भी कई ऐसे फायदे हैं, जो सेकंड हैंड सर्टिफाइड कार खरीदने पर आपको मिलते हैं।
1. कई बार सेकंड हैंड कार का बजट नई कार से बिल्कुल आधा रह जाता है। कार रखने वाले ज्यादातर 10 साल के भीतर कार बदल लेते हैं व अपनी यूज्ड कार को सेकंड हैंड मार्कीट या वेबसाइट्स के जरिए बेच देते हैं। उन्हें भी कार की बकाया कीमत से दूसरी कार खरीदने में सुविधा रहती है और ग्राहक को भी आधे या इससे थोड़े ज्यादा बजट में कार मिल जाती है।
2. नई कार खरीदते ही आपको कार की कीमत के अतिरिक्त रुपए खर्च करने होते हैं। टैक्स, प्रसेसिंग फी, अन्य ऐड-ऑन चार्जेस जैसे नॉर्म्स आपको नई कार खरीदने के बाद फॉलो करने होते हैं, जबकि यूज्ड कार में यह झंझट नहीं होता। सिर्फ ट्रांस्फर आदि के खर्चे के बाद कार पूरी तरह आपकी हो जाती है।
3. यूज्ड कार में आपके पास कार के मॉडल व वर्ष को लेकर खुला विकल्प रहता है। यूज्ड कार में आप अपनी पसंदीदा ड्रीम कार भी खरीद सकते हैं, जिसके लिए आपको जाहिर तौर पर नई कार जितना नहीं चुकाना होगा। साथ ही आप किसी साल के एक मॉडल के वैरिअंट्स तक में चुनाव कर सकते हैं। पैट्रोल, डीजल, सी.एन.जी. जैसे विकल्प आप एक तरह के बजट में चुन सकते हैं।
4. अगर आप ड्राइविंग की शुरुआत करने चले हैं और इसके लिए आपने नई कार का सहारा लिया तो जाहिर है, आप कुछ दिन तक नुकसान उठाएंगे। संभव है कि आप बिना कहीं ठोंके, कार सीख जाएं, लेकिन आम तौर पर कार सीखने के दौरान मामूली स्क्रेच आना, बंपर व मिरर्स का टूटना आम है। पुरानी कार में आप नुकसानों से बेफिक्र रहेंगे और अगर नुकसान होता भी है, तो उसे किफायती दामों में रिपेयर भी करवा लेंगे।
5. यूज्ड कार के लिए आप एक्सटेंडिड वॉरंटी के ऑफर्स लेकर क्वॉलिटी सर्विस ले सकते हैं। इससे आपकी कार नई जैसी रहेगी और किसी भी मोड़ पर आपको यह महसूस नहीं होगा कि आप एक यूज्ड कार की सवारी कर रहे हैं। आज बाजार में 3एम जैसे कई प्लेयर्स सक्रिय हैं, जो आपको अधिकृत सर्विस सेंटर जैसी सर्विस आपके समय व बजट में करने की जिम्मेदारी लेते हैं।