जब उपभोक्ता नहीं तो, व्यापारी क्यों हैं परेशान जीएसटी से: जेटली

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jul, 2017 10:45 PM

when the consumer is not the businessmen are disturbed by the gst

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को आश्चर्य जताया कि जीएसटी दरों को लेकर महज कुछ

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को आश्चर्य जताया कि जीएसटी दरों को लेकर महज कुछ व्यापारी ही शोर क्यों मचा रहे हैं जबकि कराधान का बोझ अंतत: तो उपभोक्ताओं पर पड़ता है। जेटली ने कहा कि माल एवं सेवा कर के बारे में उपभोक्ता शिकायत नहीं कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने जीएसटी दरें तर्कसंगत स्तरों पर रखी हैं। उन्होंने कहा, "पूरे देश में कहीं भी कोई उपभोक्ता शिकायत नहीं कर रहा है क्योंकि हमने करों की श्रेणियां तार्किक बनाने का प्रयास किया है। तो क्यों एक या दो व्यापारी शिकायत कर रहे हैं? व्यापारियों को कर नहीं भरना पड़ता, कर उपभोक्ता देता है।" 

आर्थिक सुधार के लिए जरूरी जीएसटी
वित्तमंत्री ने कहा कि कोई यह दावा नहीं कर सकता कि कर नहीं चुकाना उसका मौलिक अधिकार है। हमारे समाज की सोच बन गई थी कि कर न चुकाना कोई गलत बात नहीं है। इस मानसिकता को बदलने और नई सोच पैदा करने की जरुरत है। भारत को यदि विकासशील देश से विकसित देश बनना है तो लोगों की सोच और प्रवृति विकसित अर्थव्यवस्थाओं की भांति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी आर्थिक सुधार के लिए जरुरी है कि सरकार की दिशा सही हो। किसी भी अधकचरे प्रयास से सुधार नहीं होते, सरकार हिचक गई तो वह सुधार लाने में कभी सफल नहीं होती है। उन्होंने कुछ आलोचकों की इस बात को खारिज किया कि जीएसटी में केवल एक दर होनी चाहिए। 

देश के लिए लाभदायक जीएसटी
उन्होंने कहा कि भविष्य में 12 और 18 की दरें किसी एक मिल सकती हैं लेकिन आज यदि हम केवल एक दर 15 की रखते तो गरीबों के इस्तेमाल की चीजें, जिनपर कर की दर शून्य रखी गई है, महंगी हो जाएंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि कराधान की नीति न्यायपूर्ण होनी चाहिए। जीएसटी आज से प्रभावी हो गया है। उसमें कर की दरें 5, 12,18 और 28 रखी गई हैं और कुछ आवश्यक वस्तुओं पर कर की दर शून्य है। जेटली ने कहा कि यह राष्ट्र का सामूहिक फैसला है और इसे रह राज्य सरकार का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा, "चिंता की कोई बात नहीं है, कुछ लोग चिंतित हैं, इसलिए वे इससे दूरी बनाकर चल रहे हैं। यह राष्ट्र का सामूहिक फैसला है और मेरा विश्वास है कि यह निश्चित रुप से देश के लिए लाभदायक होगा। जब भी कभी बदलाव होता है तो तकनीकी आधारित परेशानियां तो आती ही हैं।"

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