सैक्टर-17 में युवक की हत्या करने वाला बॉक्सर साथियों समेत गिरफ्तार

Edited By pooja verma,Updated: 17 Sep, 2019 10:53 AM

boxer arrested for killing a youth in sector 17

सैक्टर-17 में तजिंदर उर्फ माली नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर फरार होने वाले बॉक्सर गिरोह के सरगना समेत तीन सदस्यों को क्राइम ब्रांच की टीम ने शिवालिक गार्डन के पास नाका लगाकर दबोच लिया।

चंडीगढ़ (सुशील): सैक्टर-17 में तजिंदर उर्फ माली नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर फरार होने वाले बॉक्सर गिरोह के सरगना समेत तीन सदस्यों को क्राइम ब्रांच की टीम ने शिवालिक गार्डन के पास नाका लगाकर दबोच लिया। आरोपियों की पहचान गिरोह के सरगना नरवाना के वार्ड नंबर तीन निवासी विकास उर्फ बॉक्सर, गांव डाकल निवासी गुरमीत सिंह उर्फ डाकलिया और नरवाना की भगत सिंह कॉलोनी निवासी अमित उर्फ अमित ग्रोवर के रूप में हुई। 

 

विकास बॉक्सर के पास 32 बोर की पिस्टल और तीन कारतूस बरामद हुए।इसी पिस्टल से तजिंदर को गोली मारी गई थी। विकास को हरियाणा पुलिस भी जसवंत और मनीष हत्याकांड में तलाश कर रही थी।  क्राइम ब्रांच की टीम तीनों आरोपियों को मंगलवार को जिला अदालत में पेश कर रिमांड हासिल करेगी। सगरना विकास ने बताया कि उसने तजिंदर की हत्या करके अपने भाई की मौत का बदला लिया है। हत्याकांड में विकास मोर के मृतक भाई के दोस्त अमित और गुरमीत शामिल थे। 

 

शिवालिक गार्डन के पास नाके पर दबोचे
एस.पी. क्राइम मनोज कुमार मीणा ने बताया कि तजिंदर के हत्यारों को पकडऩे के लिए क्राइम बांच इंस्पैक्टर शेर सिंह के नेतृत्व में स्पैशल टीम बनाई थी। टीम को लीड डी.एस.पी. क्राइम राजीव कुमार अमस्था कर रहे थे। 

 

क्राइम ब्रांच के इंस्पैक्टर शेर सिंह को सूचना मिली कि बाक्सर गिरोह के सरगना अपने दो साथियों के साथ अपने दोस्तों से मिलने मनीमाजरा आ रहा है। पुलिस ने शिवालिक गार्डन के पास नाका लगाया। यहीं विकास उर्फ बॉक्सर, गुरमीत सिंह और अमित ग्रोवर को दबोच लिया गया। 

 

बॉक्सर ने पढ़ाई छोड़ बनाया गैंगस्टर गु्रप
20 वर्षीय विकास उर्फ बॉक्सर नरवाना के वार्ड नंबर तीन का रहने वाला है। उसने पढ़ाई छोड़कर बॉक्सर नाम से गैंगस्टर गु्रप बनाया। गु्रप की नरवाना में दहशत है। बॉक्सर पर 14 अगस्त, 2019 को नरवाना थाने में हत्या, साजिश रचने और आम्र्स एक्ट की एफ.आई.आर. दर्ज है। 

 

आरोपी हरियाणा पुलिस का वांटेड है। इसके अलावा उस पर 7 अप्रैल, 2017 को नरवाना थाने में हत्या के प्रयास की एफ .आई.आर. दर्ज है। 11 सितम्बर, 2017 को आम्र्स एक्ट की एफ.आई.आर. दर्ज हो रखी है। उसे जमानत मिली है। 


 

वॉन्टेड है गुरमीत सिंह उर्फ डाकलिया 
19 वर्षीय गुरमीत नरवाना के गांव डाकला का रहने वाला है। उसने बीकॉम सैकेंड ईयर के बाद पढ़ाई छोड़ दी। वह गिरोह का एक्टिव सदस्य है। गुरमीत पर 31 जून, 2019 को नरवाना थाने में मारपीट और जान से मारने की धमकी देने की एफ.आई.आर.  दर्ज है। केस अभी विचाराधीन है। 8 अगस्त, 2019 को हत्या के प्रयास और जान से मारने की धमकी देने की एफ.आई.आर. भी दर्ज है। वह भी पुलिस का वॉन्टेड है।

 

सोशल मीडिया हैंडलर है अमित 
साढ़े 18 वर्षीय अमित नरवाना की भगत सिंह कॉलोनी का रहने वाला है। वह गु्रप की सारी गतिविधियां सोशल मीडिया पर अपलोड करता है। मारपीट और जान से मारने की धमकी देने की एफ.आई.आर.  नरवाना थाने में दर्ज है। अभी केस अदालत में विचाराधीन है।

 

बॉक्सर और डूमरखां गु्रप के बीच थी रंजिश 
नरवाना कॉलेज में बॉक्सर और डूमरखां गु्रप के बीच छात्र संघ चुनाव के दौरान काफी रंजिश पैदा हो गई थी। इस बीच डूमरखां गिरोह के सदस्यों ने बॉक्सर गिरोह के सरगना विकास के भाई मोहित की नरवाना बस स्टैंड के पास चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी। 

 

तजिंदर पर दर्ज था हत्या का केस
नरवाना पुलिस ने डूमरखां गु्रप के छह सदस्यों पर हत्या का मामला दर्ज किया था। इसमें एक आरोपी तजिंदर उर्फ माली था। विकास ने अपने भाई का बदला लेना चाहता था। इसी के चलते उसने 14 अगस्त को भाई की हत्या में शामिल मनीष और जसवंत की हत्या की थी। 


 

तजिंदर की हत्या में शामिल थे पांच आरोपी
तजिंदर उर्फ माली की हत्या में पांच आरोपी शामिल थे। 14 अगस्त को बॉक्सर गिरोह के सरगना विकास ने अपने साथियों के साथ मनीष और जसवंत की नरवाना में हत्या की थी। दोनों की हत्या होने के बाद तजिंदर डर के मारे नरवाना से चंडीगढ़ आकर छिप गया था। 

 

विकास ने तजिंदर का सुराग लगाने के लिए उपकार को कहा था। उपकार ने चंडीगढ़ आकर तजिंदर की रैकी की थी। इसी आधार पर विकास, अमित, गुरमीत और भूरिया चंडीगढ़ आए और हत्या की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए थे। 

 

कॉमन फ्रैंड के जरिए रहते थे संपर्क में
पुलिस ने बताया कि तजिंदर की हत्या के बाद हत्यारे दिल्ली गए थे। उन्होंने अपने मोबाइल फोन रास्ते में फैंक दिए थे। सभी अलग-अलग हो गए। विकास ने एक-दूसरे से संपर्क  करने के लिए हनुमानगढ़ निवासी कॉमन फ्रैंड से संपर्क करने के लिए कहा था। 

 

पांचों हत्यारोपी एक-दूसरे की जानकारी हासिल करने के लिए किसी राहगीर से मोबाइल फोन लेकर अपने कॉमन फ्रैंड से बात करते थे। वही उनको सारी जानकारी देता था। अगर पांचों को मिलना होता था तो कॉमन फ्रैंड ही जगह के बारे में बताता था। 

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