Edited By bhavita joshi,Updated: 18 Dec, 2018 11:56 AM
पी.यू. में विभिन्न फैकल्टी में डीन एवं सचिव चुने गए।
चंडीगढ़(रश्मि): पी.यू. में विभिन्न फैकल्टी में डीन एवं सचिव चुने गए। कुल 11 में से 3 फैकल्टी मैडीकल फैकल्टी, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन और फैकल्टी ऑफ लैंग्वेज में डीन व सचिव के लिए चुनाव हुए, जबकि बाकी फैकल्टी में निविर्रोध डीन व सैक्रेटरी चुन लिए गए। चुनाव में भाजपा ग्रुप हार गया और चतरथ, अशोक गोयल, प्रो.नवदीप गोयल, डी.ए.वी. ग्रुप विजयी रहा। यह डीन और सचिव अपने पदों पर एक फरवरी 2019 से 31 जनवरी 2020 तक बने रहेंगे।
पिछले 27 साल से सीनेट सदस्य है जरनैल सिंह
सीनेटर जरनैल सिंह 27 साल से लगातार सीनेट में बने हुए हैं। ऐसे में सीनेट की टर्म 4 साल की होती है। यानि वह 7 टर्म से लगातार सीनेटर हैं। इसके अलावा वह 9 बार सिंडीकेट सदस्य भी रह चुके हैं।
फैकल्टी ऑफ मैडीकल साइंसिज
डीन प्यारे लाल गर्ग (35 वोट)
सैक्रेटरी प्रो. आशीष जैन (निर्विरोध)
फैकल्टी ऑफ लैंग्वेज
डीन प्रो. गुरपाल सिंह संधू (35 वोट)
सचिव प्रो. योगराज अंगरिश (निर्विरोध)
फैकल्टी ऑफ एजुकेशन
डीन डा. जतिंद्र ग्रोवर (56 वोट)
सचिव डा. नीरू मलिक (निर्विरोध)
फैकल्टी ऑफ डिजाइन ऑफ फाईन आर्ट्स
डीन डा. अनिता कौशल (14 वोट)
सचिव डा. अमिता शर्मा (निर्विरोध)
ये निर्विरोध जीते
फैकल्टी ऑफ लॉ
डीन अनु चतरथ
सैक्रेटरी प्रो. मीनू पॉल
फैकल्टी ऑफ डेयरिंग, एनिमल हस्बैंडरी एंड एग्रीकल्चर
डीन डॉ. नरेंद्र सिद्धू
सैक्रेटरी जरनैल सिंह
फैकल्टी ऑफ आर्ट्स
डीन प्रो. रोनकी राम
सचिव डा. कुलदीप सिंह
फैकल्टी ऑफ बिजनेस मैनेजमैंट एंड कामर्स
डीन प्रो. केशव मल्होत्रा
सचिव अरविंद कुमार एवं डा. अजय शर्मा
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी
डीन प्रो. संचिता चौहान
सचिव प्रो.सीमा कपूर
फैकल्टी ऑफ साइंस
डीन प्रो.दविंद मेहता
सचिव प्रो. मलकीयत चंद सिद्धू
फैकल्टी ऑफ फार्मास्यिूटिकल साइंस
डीन प्रो. अनिल कुमार
सचिव प्रो. रंजु बांसल
नवदीप गोयल ने अपने भ्रष्टाचार को दबाने के लिए की कैंपस में धोखे की राजनीति : डा महाजन
सीनेटर प्रो. आर.के .महाजन ने कहा कि पी.यू. में प्रो. नवदीप गोयल ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को खत्म करने के लिए अशोक गोयल ग्रुप से हाथ मिलाया है। अगर अशोक गोयल ग्रुप अकेला चुनाव लड़ता तो उसे मुश्किल से 2 सीटें ही मिलती, लेकिन अब उनका मुंह बंद रखने के लिए सिंडीकेट में 5 सीटें दी हैं। उन्होंने कहा कि कैंपस में धोखे की राजनीति की गई है। अगर हमें पहले बताया होता कि हमें डीन के चुनाव लडऩे होंगे। हमें र्निविरोध नहीं चुना जा रहा है तो हम चुनाव की तैयारी करते। महाजन ने कहा कि देर रात मुझे कहा गया कि डीन फाईन आर्ट्स के तौर पर आपको खड़ा किया गया है, लेकिन सोमवार को देर शाम पौने 5 बजे मुझे पता चलता है कि इस पोस्ट पर चुनाव हो रहे हैं।
अब खोलूंगा भ्रष्टाचार की सारी परतें
प्रो. आर.के .महाजन ने कहा कि प्रो. नवदीप गोयल अपने भ्रष्टाचार को दबाने के लिए भाजपा के सीनियर मैंबर को छोड़ अशोक गोयल से मिल गए। उन्होंने कहा कि अब वह इस मामले की सारी परतें खोलेंगे।
डी.ए.वी. कालेज में एम.बी.ए. को मान्यता देने के बाद शुरू हुई फूट : सुभाष
पी.यू. में रविवार को हुए सिंडीकेट चुनावों में भाजपा ग्रुप की हार पर भाजपा से जुड़े सीनेटर सुभाष शर्मा ने भाजपा और अन्य ग्रुप में पड़ी फूट का कारणों को सामने रखा। उन्होंने कहा कि ग्रुप्स में तनाव डी.ए.वी. कालेज में एम.बी.ए. को मान्यता देने के बाद शुरू हुआ।
पहले फैकल्टी ली बाद में हमें धोखे से अलग किया
सुभाष ने कहा कि पहले सीनेट के कुछ सदस्यों ने फैकल्टी बदली। उन्होंने मैडीकल फैकल्टी ज्यादा से ज्यादा ली जिससे मैडीकल फैकल्टी पर अशोक गोयल के खिलाफ चुनाव लड़ सके, लेकिन मैडीकल फैकल्टी लेने के बाद जब सिंडीकेट सदस्यों को लगा कि भाजपा ज्यादा पावरफुल हो रही है तो उन्होंने भाजपा जो शुरू से ही इन ग्रुप्स के साथ चल रही थी, उन्हें दरकिनार कर दिया।
मेरे मन में किसी के लिए रंजिश नहीं: प्रो. नवदीप गोयल
सीनेटर अशोक गोयल के द्वारा प्रो. नवदीप गोयल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रो. नवदीप गोयल ने कहा कि मैं कभी किसी से मन में रंजिश नहीं रखता।