शहर की बिल्डिंग बायलॉज में होगा बदलाव

Edited By ,Updated: 06 May, 2016 02:08 PM

chandigarh building will change bayloj

चंडीगढ़ प्रशासन ने सोलर पॉवर प्लांट्स को शहर में प्रोमोट करने के लिए बिल्डिंग बायलॉज में फेरबदल की तैयारी कर ली है। इस बारे में आने वाले कुछ दिनों में प्रशासन द्वारा नोटीफिकेशन जारी किया जा सकता है।

 चंडीगढ़ (विजय): चंडीगढ़ प्रशासन ने सोलर पॉवर प्लांट्स को शहर में प्रोमोट करने के लिए बिल्डिंग बायलॉज में फेरबदल की तैयारी कर ली है। इस बारे में आने वाले कुछ दिनों में प्रशासन द्वारा नोटीफिकेशन जारी किया जा सकता है। डिपार्टमैंट ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी की सिफारिश पर चंडीगढ़ प्रशासन ने सभी रैजीडैंशियल, इंस्टीच्यूशन, कमर्शियल और हॉस्पिटल्स की बिल्डिंग का नया बायलॉज तैयार कर लिया है। जिसे फाइनांस डिपार्टमैंट से अप्रूवल के बाद नोटिफाई करने के लिए भेज दिया जाएगा।

पहले चंडीगढ़ प्रशासन ने 500 गज से अधिक के सभी रैजीडैंशियल, कमर्शियल और अन्य बिल्डिंग्स के लिए सोलर फोटोवॉल्टिक सिस्टम/सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया है। इनमें उन बिल्डिंग्स को भी शामिल किया गया है जो भविष्य में बनाई जानी है। इससे पहले डिपार्टमैंट ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी की ओर से चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार परिमल राय के पास एक प्रैजैंटेशन भी दी गई थी कि कैसे शहर को मॉडल सोलर सिटी के तौर पर विकसित किया जा सकता है। 

नहीं लेनी होगी परमीशन

प्रशासन की ओर से तैयार प्रोपोजल में साफ तौर से कह दिया गया है कि मौजूदा बिल्डिंग में अगर सोलर प्लांट लगाया जाता है तो इसके लिए नगर निगम और एस्टेट ऑफिस से किसी भी प्रकार की अप्रूवल लेने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही जिस स्ट्रक्चर पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जाने हैं है वह टैंपरेरी होने चाहिए। मौजूदा बिल्डिंग्स के लिए सोलर पैनल को इंस्टॉल करने के लिए 2 साल का समय दिया जाएगा। नोटीफिकेशन होने के दो साल के भीतर मौजूदा सभी बिल्डिंग्स में सोलर पैनल लगाने जरूरी होंगे।

बिल में मिलेगी राहत

प्रशासन द्वारा बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव इसलिए किया जा रहा है, ताकि शहर की बिजली की डिमांड पूरी हो सके। यही नहीं, अगर हरेक घर के सोलर पैनल को ग्रिड से कनैक्ट कर दिया जाएगा तो इससे भारी भरकम बिजली के बिल से भी निजात मिलेगी। प्रशासन द्वारा काफी समय से शहर में सोलर एनर्जी को प्रोमोट किया जा रहा है लेकिन बावजूद इसके प्राइवेट सैक्टर से कोई खास रिस्पांस नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि अब प्रशासन को बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव करना पड़ रहा है। 

यह है प्रोपोजल

प्लाट साइज           एस.पी.वी.

500 से 1000 1 किलोवाट पीक

1000 से 3000 2 किलोवाट पीक

3000 से अधिक 3 किलोवाट पीक

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