गुटबाजी हावी, नहीं तय हुए कैंडीडेट

Edited By bhavita joshi,Updated: 14 Jan, 2019 08:50 AM

false dominance not fixed candidate

भारतीय जनता पार्टी में इस समय गुटबाजी इस कद्र हावी है कि पार्टी प्रभारी प्रभात झा रविवार को भी बी.जे.पी. से मेयर, सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर की पोस्ट के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं कर पाए।

चंडीगढ़(राजिंद्र): भारतीय जनता पार्टी में इस समय गुटबाजी इस कद्र हावी है कि पार्टी प्रभारी प्रभात झा रविवार को भी बी.जे.पी. से मेयर, सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर की पोस्ट के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं कर पाए। झा रविवार को उम्मीदवारों की घोषणा के लिए शहर में थे, लेकिन गुटबाजी के चलते सहमति नहीं बनी। 

मेयर चुनाव 18 जनवरी को होने हैं और अब हाईकमान के साथ चर्चा करके बी.जे.पी. सोमवार को नामों की घोषणा करेगी। जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ में सीनियर नेताओं व सभी पार्षदों की राय जानने के बाद अब बी.जे.पी. राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री से चर्चा करेंगे, जिसके बाद ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी।

एक गुट भरत-कालिया व दूसरा सतीश-फर्मीला के समर्थन में
सूत्रों के अनुसार प्रभारी की अढ़ाई घंटे तक प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन, सांसद किरण खेर और अन्य पार्षदों के साथ वन टू वन मीटिंग चली। मीटिंग में जहां एक गुट ने भरत कुमार और राजेश कालिया का नाम सुझाया, वहीं एक गुट ने सतीश कैंथ और फर्मिला के नाम पर भी अपना समर्थन दिया। बताया जा रहा है कि कुछ पार्षदों ने पार्षद राजेश कालिया के खिलाफ शिकायत भी दी है और अपना ऑब्जैक्शन दर्ज करवाया है। यहां ये बता दें कि कालिया बी.जे.पी. से मेयर पद की उम्मीदवारी में सबसे आगे माने जा रहे हैं। मीटिंग सैक्टर-33 बी.जे.पी. कार्यालय कमलम् में हुई। इस बार मेयर की सीट एस.सी. कैटेगरी के उम्मीदवार के लिए रिजर्व है। बी.जे.पी. से प्रमुख रूप से राजेश कालिया, भरत कुमार, सतीश कैंथ और फर्मिला का नाम है। प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन और सांसद किरण खेर दोनों की निगाह इस पर लोकसभा चुनाव की टिकट पर है। यही कारण है कि वह अपने गुट से ही उम्मीदवार बनाने का प्रयास कर रहे हैं।       

पार्षदों को पढ़ाया एकजुटता का पाठ
भाजपा प्रभारी प्रभात झा ने मेयर चुनाव को लेकर रविवार को सभी पार्षदों को मीटिंग के दौरान एकजुटता का पाठ पढ़ाया है। झा ने साफ किया है कि हाईकमान की तरफ से जो भी फैसला होता है, पार्टी पार्षदों को उसके साथ ही चलना है। पिछले वर्ष मेयर चुनाव में बी.जे.पी. पार्षद पार्टी के फैसले के खिलाफ ही खड़े हो गए थे। मीटिंग के बाद दोनों देवेश मोदगिल और अरुण सूद ने झा से अकेले में भी मुलाकात की। 

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अभी फिलहाल वोटों का ये है गणित  
निगम में इस समय कुल 35 पार्षद हैं। इसमें 26 निर्वाचित और 9 मनोनीत हैं। जीत के लिए भाजपा को केवल 14 वोट चाहिए, जबकि भाजपा के पास सहयोगी और निर्दलीय मिलाकर 22 वोट हैं। इसमें भाजपा के 20, अकाली 1 और निर्दलीय 1 पार्षद शामिल हैं, वहीं कांग्रेस के पास केवल 4 पार्षद हैं, इसलिए भाजपा की जीत लगभग तय बताई जा रही है। 

कोर्ट में मनोनीत पार्षदों के मताधिकार पर होना है फैसला:  हर वर्ष मेयर इलैक्शन 11 बजे होता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार चुनाव को लेकर जारी की गई नोटीफिकेशन में कहा गया कि चुनाव दोपहर 3 बजे होगा। सुप्रीम कोर्ट में मनोनीत पार्षदों के मताधिकार को लेकर 12 बजे तक फैसला आने की उम्मीद है। अगर मनोनीत पार्षदों को दोबारा मताधिकार मिल गया तो वह मेयर चुनाव में अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे।

हरदीप और नेगी पर लग सकती है मुहर  
बी.जे.पी. सूत्रों की मानें तो डिप्टी मेयर के लिए सहयोगी शिअद के पार्षद हरदीप सिंह के नाम पर मोहर लग सकती है। वहीं, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए हीरा नेगी और सुनीता धवन में कड़ी टक्कर के बाद हीरा नेगी को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। लेकिन अकाली दल द्वारा सीनियर डिप्टी मेयर के पोस्ट की मांग की जा रही है, इसलिए सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर दोनों पदों पर विचार करने के बाद बी.जे.पी. बदलाव कर सकती है। 

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