शहर में बेसबॉल और सॉफ्टबाल का न कोच, न ही अकादमी

Edited By Priyanka rana,Updated: 18 Mar, 2020 01:38 PM

neither coach nor academy of baseball and softball in the city

खेल विभाग जहां शहर में स्पोर्ट्स को प्रोमोट करने के दावे कर रहा है, वहीं देखा जाए तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेली जा रही बेसबॉल और सॉफ्टबॉल के शहर में न तो कोई कोच है और न ही कोई अकादमी।

चंडीगढ़(लल्लन) : खेल विभाग जहां शहर में स्पोर्ट्स को प्रोमोट करने के दावे कर रहा है, वहीं देखा जाए तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेली जा रही बेसबॉल और सॉफ्टबॉल के शहर में न तो कोई कोच है और न ही कोई अकादमी। ऐसे में शहर के खिलाडियों को बाहर के कोचिंग सैंटर में फीस देकर इन दोनों गेम्स की ट्रेनिंग लेनी पड़ी रही है।

बेसबॉल और साफ्टबॉल में पिछले कई सालों से खिलाड़ी जुड़े हैं। इंटर स्कूल प्रतियोगिता में भी खिलाडिय़ों ने इस खेल में शानदार प्रदर्शन किया था। इसके अलावा स्कूल नैशनल गेम्स में भी शहर की टीमों ने खिताब पर कब्जा किया था। इसके बावजूद भी फिर भी शहर में बेसबॉल और साफ्टबॉल को कोई अस्तित्व नहीं लग रहा है। 

स्पोर्ट्स और शिक्षा विभाग ने स्कूली लेवल पर भी इन खेलों के लिए कोई खास प्रबंध नहीं किए हैं। गौर किया जाए तो बेसबॉल और साफ्टबॉल की ना तो कोई खेल विभाग की ओर से अकादमी ही चल रही है और ना ही इन दोनों गेम्स के कोच नियुक्त किए हैं। ऐसे में शहर के खिलाड़ी बेहतरीन अकादमी व कोच न होने के कारण दूसरे राज्यों का रूख करते हैं।

इंटर स्कूल/कॉलेज और इंटरनैशनल स्तर पर खेली जाती हैं ये गेम्स :
पूरे शहर में तकरीबन हजारों की संख्या में बेसबॉल व सोफ्टबाल के खिलाड़ी इस खेल से जुड़े हुए हैं और यह दोनों गेम्स इंटर स्कूल तथा इंटर कालेज प्रतियोगिताओं में भी शामिल है। इसके बाद भी विभाग की आंख नहीं खुल रही हैं कि इन खिलाडिय़ों को भी बेहतर कोच व अकादमी उपलब्ध करवा सके। 

हालांकि इन खेलो के रिजल्ट पर ध्यान दिया जाए तो स्कूल नैशनल गेम्स में चंडीगढ़ की टीम पिछले 3 सालों से लगातार चैम्पियन रही है। इसी तरह से इंटर कालेज में भी शहर के कालेज की टीमें बेहतरीन प्रदर्शन कर खिताब जीत रही हैं। 

लेजर वैली में 500 रुपए की सालाना फीस देकर ले रहे हैं कोचिंग :
शहर में एक जगह ऐसी भी हैं, जहां खिलाड़ी इस खेल के गुरों को सीख रहे हैं। लेजर वैली सैक्टर-10 में शाम चार बजे के बाद हर आयु वर्ग के खिलाड़ी सॉफ्टबॉल और बेसबॉल की प्रैक्टिस करते नजर आते हैं। ज्यादातर खिलाड़ियों की उम्र 12 से 18 साल के बीच है। यह खिलाड़ी देखने में चाहे छोटे हों, लेकिन इन खिलाडिय़ों की उपलब्धियां इनकी उम्र से बढ़ी हैं। 

सैक्टर-10 लेजर वैली पार्क में कोच दीपक पासवान खिलाड़ियों को ट्रेंड कर रहे हैं। पासवान ने बताया कि उनके पास तकरीबन 40 बच्चे कोचिंग ले रहे हैं। अभी खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में चंडीगढ़ से चार या पांच खिलाड़ी नैशनल टीम का हिस्सा होंगे। दीपक ने बताया कि खिलाडिय़ों को मात्र 500 रुपए में साल भर कोचिंग दी जाती है।

कोचिंग लेने वालों में हैं कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी :
लेजर वैली पार्क में कोचिंग ले रहे इन खिलाडिय़ों में कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं। बेसबॉल कोचिंग की ट्रेनिंग ले रही तनुश्री अब तक तीन बार स्कूल नैशनल गेम्स में हिस्सा ले चुकी है। काजल दो बार स्कूल नैशनल और एक बार ओपन नैशनल बेसबॉल टूनामैंट का हिस्सा रही हैं। 

2020 ओलिम्पिक गेम्स में शामिल हो रहा है बेसबॉल :
कोच दीपक पासवान से बताया कि देश में बेसबॉल और सॉफ्टबॉल का भविष्य सुनहरा है। यह दोनों गेम्स अभी लोकप्रिय हो रही हैं। विदेशों में इन खेलों को खेलने और पसंद करने वाले खेल प्रेमियों की काफी संख्या है। ऐसे में ओलिम्पिक-2020 में पहली बार शामिल हो रही बेसबॉल का भविष्य भी आगे सुनहरा है। 

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