अनाथ और बेसहारा रेप पीड़िता को आरोपी पक्ष दे रहा धमकियां, न पुलिस सुन रही, न अदालत

Edited By AJIT DHANKHAR,Updated: 11 Apr, 2021 12:38 AM

orphans and destitute rape victims

जिस वकील पर भरोसा किया, वह भी आरोपियों से मिल गई, बार कौंसिल में दी शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई

चंडीगढ़ (रमेश हांडा): एक अनाथालय से चंडीगढ़ में काम करने आई युवती के साथ दोस्ती कर विवाह करवाने का झांसा देकर एक युवक शारीरिक संबंध बनाता रहा। गर्भवती हुई तो युवक की मां ने दवाई खिलाकर गर्भपात करवा दिया। पुलिस ने मामला भी दर्ज किया। मां को कोर्ट ने दो माह और युवक को 10 वर्ष की सजा सुनाई थी लेकिन 8 माह बाद ही एक महिला वकील की मिलीभगत के चलते आरोपी हाईकोर्ट से जमानत लेने में कामयाब हो गया।

 

 

रेप पीड़िता पुन: हाईकोर्ट गई और रिव्यू पटीशन दाखिल की लेकिन दो वर्ष गुजर गए, आज तक कोर्ट ने केस सुना ही नहीं। रेप पीड़िता पर आरोपी पक्ष ने हमला भी किया, जिसमें वह बुरी तरह घायल हुई थी। मोहाली पुलिस ने रेप के आरोपी व उसके मां-बाप के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था लेकिन आज तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। यही नहीं, थाने में पूछने पर उसे बताया गया कि केस तो खत्म भी हो गया। 


आरोपी पक्ष से जान का खतरा 
अनाथ रेप पीड़िता ने उस महिला वकील की शिकायत भी पंजाब व हरियाणा बार कौंसिल में की थी, जिसने आरोपी पक्ष से मिलीभगत कर हाईकोर्ट में झूठ बोल कर आरोपी को जमानत दिलवाई थी। उस शिकायत पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़िता का कहना है कि उसे आरोपी पक्ष से जान को खतरा बना हुआ है। अदालतों, वकीलों और पुलिस थानों के चक्कर काट-काट कर वह हार चुकी है। उसका एक ही सवाल है कि उसे न्याय कब मिलेगा?


आरोपी ने शादी करने का एफिडेविट देकर हासिल कर ली जमानत
बार-बार कहने पर भी जब रमनप्रीत ने उसके साथ शादी नहीं की तो सीमा ने मोहाली पुलिस में शिकायत कर दी क्योंकि आरोपी मोहाली में रहता था। पुलिस ने 19 अक्तूबर, 2016 को थाना मटौर में रेप व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। मामला दर्ज होने के बाद 5 नवम्बर, 2016 की रात सीमा पर आरोपियों की ओर से जानलेवा हमला किया गया और जिसकी शिकायत पर मोहाली पुलिस ने एक और एफ.आई.आर. रमनप्रीत व उसके मां-बाप पर दर्ज की थी। मोहाली की सैशंस कोर्ट ने 26 सितम्बर, 2018 को रमनप्रीत को 10 वर्ष और उसकी मां को दो माह की सजा सुनाई।

 

रमन ने हाईकोर्ट में सजा को चुनौती दी, जहां सुनवाई के वक्त सीमा की ओर से पेश होने वाली महिला वकील आरोपी पक्ष से मिल गई और कोर्ट में कहा कि सीमा और रमप्रीत ने विवाह कर लिया है। रमनप्रीत की ओर से एफिडेविट भी दिया कि दोनों ने मंदिर में विवाह रचा लिया है और दोनों में समझौता हो गया है। भविष्य में वह सीमा का पूरा ध्यान रखेगा। सीमा को महिला वकील ने खामोश रहने की हिदायत दी हुई थी, जिसे पता ही नहीं चलने दिया की कोर्ट में क्या चल रहा है और सजा के 8 माह बाद ही हाईकोर्ट ने 6 नवम्बर, 2019 को रमनप्रीत को जमानत दे दी।

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