राष्ट्रीय सैथवार - मल्ल स्वाभिमान मोर्चे ने पूर्वज स्मृति दिवस का आयोजन, दुनिया भर के लोग हुए शामिल

Edited By Deepender Thakur,Updated: 10 Oct, 2023 10:30 PM

people from all age groups showcased their talent

भारत में प्राचीन काल से ही जाति आधारित संगठनों का अपना एक राजनीतिक वजूद रहा है | इसी आधार में सामाजिक ताने बाने का विकास होता है |  पितृ पक्ष में पूर्वांचल के लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं | इस दरम्यान पितरों को तर्पण और पिंड दान करते है | इस...

भारत में प्राचीन काल से ही जाति आधारित संगठनों का अपना एक राजनीतिक वजूद रहा है | इसी आधार में सामाजिक ताने बाने का विकास होता है |  पितृ पक्ष में पूर्वांचल के लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं | इस दरम्यान पितरों को तर्पण और पिंड दान करते है | इस अवसर पर  देश का सबसे बड़ा जमावड़ा मऊ जिले के नत्थूपुर गावं में अपने पूर्वजों को याद करने के लिए देश के सैथवार -मल्ल क्षत्रिय समाज के लोग इक्कट्ठे होते हैं | इस साल यह अवसर और भी खास रहा | इस अवसर पर विरादरी के ढेर सारे प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया, रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ, जिसमे हजारो यूनिट ब्लड डोनेट किया गया साथ ही  विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें सभी एज ग्रुप के लोगों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया |

 

 

 

सहस्त्र वार और मल्ल दोनों प्राचीन काल में क्षत्रिय योद्ध के रूप में विख्यात रहे हैं | कालान्तर में राजा महाराजाओं ने पराक्रमी योद्धाओं को मल्ल की उपाधि से नवाजा था |  सहस्त्र वार (सैंथवार ) मूल रूप से क्षत्रिय रहे हैं | मल्ल युद्द में पारंगत होने की वजह से मल्ल क्षत्रियों को मल्ल की उपाधि की गई थी | रामायण कालीन भगवान लक्ष्मण के पुत्र चंद्रकेतु के समय मल्ल वंसजों के इतिहास व पराक्रम को देखते हुए मल्ल युद्द में पारंगत मल्ल क्षत्रियों को  लोगों को मल्ल की उपाधि दी गई | ऐसा बताया जाता है कि माता सरयू के पावन तट पर महाराजा राम चन्द्र के पुत्र लव की राजधानी थी जिनके वंशज  सहस्त्र वार (सैंथवार ) माने जाते हैं | वहीँ सरयू नदी के पूर्वी छोर पर दूसरे पुत्र कुश का साम्राज्य का विस्तार रहा है |

 

 

 

इस मौके पर राष्ट्रीय सैंथवार मल्ल मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज सिंह सैंथ वार ने कहा कि जहां एक तरफ जातिय जनगणना पर विमर्श चल रहा है वहीं दूसरी तरफ़ हमारी जाति के पहचान को समाप्त करने के लिए एवं अपने वोट बैंक के लिए राजनीतिक दल कुचक्र रच रहे हैं । इसमें हमारे गौरवशाली इतिहास को झुठलाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है । अतः मैं अपने समाज के युवाओं से अपील करता हूं कि अपने गौरवशाली इतिहास को पुनर्स्थापित करने के लिए आगे आएं । हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री कई बार सार्वजनिक मंच से क्षत्रिय होने पर गर्व है, का बयान देते हैं वैसे ही अपने कृतित्व को क्षत्रित्व के साथ स्थापित करने की जिम्मेदारी लेनी होगी ।

 

 

 

 

घोसी नवनिर्माण मंच के संस्थापक एवं अखिल भारतीय पंचायत परिषद के मीडिया सलाहकार बद्री नाथ मल्ल विशेन ने कहा कि क्षत्रिय  समाज का रक्षक होता है । मल्ल क्षत्रिय हमेशा से समाज के सुरक्षा के लिए पहली पंक्ति में खड़े रहे हैं । हमे अपने जाति पर गर्व है लेकिन हम सभी जातियों का  सम्मान भी करते हैं । जब भी समाज को जरूरत होता है क्षत्रिय अपना सर्वस्व न्योछावर करता है । इस सभा की सबसे अहम् बात यह रही कि विदेशों में रहने वाले विरादरी के लोग भी ऑनलाइन प्लेटफोर्म के माध्यम से से इसमें संभाग किये |

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