ब्रेन डैड मरीज की बदौलत दो को जिंदगी और दो को मिली आंखों की रोशनी

Edited By Priyanka rana,Updated: 20 Sep, 2019 01:15 PM

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पी.जी.आई. में वीरवार को ब्रेन डैड हुए 26 साल के युवक की बदौलत कई जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी मिल पाई है।

चंडीगढ़(पाल) : पी.जी.आई. में वीरवार को ब्रेन डैड हुए 26 साल के युवक की बदौलत कई जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी मिल पाई है। इस साल का पी.जी.आई. का यह 21वां ब्रेन डैड ऑर्गन ट्रांसप्लांट केस है। परिवार के फैसले के बाद राज के पैनक्रियाज, किडनी और कॉर्निया जरुरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट किया गया है। राज की बदौैलत ही 2 मरीजों को जिंदगी व 2 दो को आंखों की रोशनी मिल पाई है। 

16 सितम्बर को पी.जी.आई. रैफर हुआ था राज :
हाल ही में पिता को खोने वाला राज कुमार अपने घर का इकलौता कमाने वाला इंसान था। मुश्किल भरे वक्त में भी परिवार ने साहस दिखाते हुए बेटे राज के ऑर्गन डोनेट करने का फैसला लिया। गांव माजरी (रूपनगर) का रहना वाला राज 16 सितम्बर को पी.जी.आई. रैफर किया गया था। उसे बुधवार को डाक्टरों ने ब्रेन डैड डिक्लेयर कर दिया। 

एक्सीडैंट से हैड में हुई थी कई इंजरी :
ऊना की एक फैक्ट्री में राज काम करता था। 14 सितम्बर को रोजाना की तरह बाइक से काम पर जा रहा था कि दूसरी तरह से तेजी से आ रही बाइक से टक्कर हो गई। उसे लोकल हॉस्पिटल एडमिट किया गया था। हैड में कई इंजरी होने से हालत में कोई सुधार नहीं हो पा रहा था। इसके बाद डॉक्टर्स ने उसे 16 तारीख को उसे पी.जी.आई. रैफर कर दिया। 

चार दिन पहले भी रूपनगर के परिवार ने किए थे ऑर्गन डोनेट :
रुपनगर से ऑर्गन डोनेशन का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 15 सितम्बर को पी.जी.आई. में 49 साल की सुरिंद्रजीत कौर भाटिया के ब्रेन डैड होने के बाद पति ने उसके ऑर्गन पी.जी.आई. में डोनेट किए थे। ब्रेन डैड सुरिंद्र कौर के सभी ऑर्गन परिवार ने डोनेट कर दिए थे। दो मरीजों को किडनी और वहीं दो मरीजों में कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया था। 

परिवार दूसरों के लिए मिसाल : डॉ. जगत राम
पी.जी.आई. के डायरैक्टर डॉ. जगत राम ने कहा कि राजकुमार के परिवार के इस फैसले का सम्मान करते हैं, जिन्होंने दूसरे के लिए एक मिसाल दी है। किसी भी डोनर परिवार के लिए अपने किसी परिजन के ऑर्गन डोनेट करना आसान नहीं होता। पी.जी.आई. ऑर्गन डोनेशन को लेकर बहुत आगे आ गया है। इसकी बदौलत कई परिवार खुद ऑर्गन डोनेशन के लिए आगे आ रहे हैं। उम्मीद है कि लोगों में ऑर्गन डोनेशन को लेकर और ज्यादा जागरुकता आएगी। 

कुछ वर्षों में बढ़ी लोगों में अवेयरनैस :
पी.जी.आई. के एम.सी. डॉ. ए.के. गुप्ता ने कहा कि दूसरे देशों के मुकाबले हम ऑर्गन डोनेशन को लेकर अभी बहुत पीछे हैं लेकिन पिछले कुछ सालों में लोगों में अवेयरनैस आ रही है। पी.जी.आई. देश के उन चुनिंदा अस्पतालों में से एक है जहां ऑर्गन डोनेशन प्रोग्राम बहुत अच्छा काम कर रहा है। रोटो की बदौलत कई जरुरतंमद लोगों को एक नई जिंदगी मिली है।

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