विधायकों को धमकी देने के मामले में एस.टी.एफ. ने मुम्बई व बिहार से दबोचे कई आरोपी

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 31 Jul, 2022 07:38 PM

phone numbers of middle east countries are being operated by sitting in pakistan

हरियाणा के 4 विधायकों को जान से मारने की धमकी व पैसे वसूली के लिए मिडिल ईस्ट देशों के अलग-अलग मोबाइल नंबरों से फोन आए। ये सभी फोन 24 जून-2022 से 28 जून- 2022 तक किए गए। इन सभी मामलों पर अलग-अलग एफ.आई.आर. दर्ज की गईं व सभी एफ.आई.आर. की तफ्तीश...

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा के 4 विधायकों को जान से मारने की धमकी व पैसे वसूली के लिए मिडिल ईस्ट देशों के अलग-अलग मोबाइल नंबरों से फोन आए। ये सभी फोन 24 जून-2022 से 28 जून- 2022 तक किए गए। इन सभी मामलों पर अलग-अलग एफ.आई.आर. दर्ज की गईं व सभी एफ.आई.आर. की तफ्तीश डी.जी.पी. हरियाणा प्रशांत कुमार अग्रवाल ने स्पैशल टास्क फोर्स हरियाणा को दी है।

 


पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इन मोबाइल नंबरों के तकनीकी विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है कि ये मिडिल ईस्ट देशों के नंबर हैं व पाकिस्तान में बैठकर ऑप्रेट किए जा रहे हैं। इसी तरीके से पंजाब के पूर्व विधायकों को भी इसी प्रकार से इन्हीं नंबरों से धमकी दी गई है। इन सभी विधायकों से अलग-अलग भाषा/तरीका चैट या बातचीत की गई। इनमें मुंम्बइया स्टाइल या पंजाबी भाषा प्रयोग की गई। उन्होंने बताया कि आई.जी.पी. एस.टी.एफ. हरियाणा सतीश बालन द्वारा इन सभी मुकद्दमों की तफ्तीश के लिए एक एस.आई.टी. सुमित कुमार एस.पी. एस.टी.एफ. के नेतृत्व में बनाई गई, जिसमें संदीप धनखड़ डी.एस.पी. एस.टी.एफ. व सुरेंद्र डी.एस.पी. एस.टी.एफ. के नेतृत्व में एस.टी.एफ. यूनिट की टीमें तैयार की गईं।
 

 

डी.जी.पी. हरियाणा ने सैंट्रल एजैंसी से ली मदद
प्रवक्ता ने कहा कि करीब 15 दिन चले इस ऑप्रेशन को डी.जी.पी. हरियाणा प्रशांत कुमार अग्रवाल द्वारा व्यक्तिगत तौर पर सुपरवाइज व मॉनिटर किया गया। इस विषय में पुलिस महानिदेशक हरियाणा के द्वारा सैंट्रल एजैंसी की भी मदद ली गई। एस.टी.एफ. ने इन सभी मोबाइल नंबरों व आई.पी. एड्रेस का तकनीकी विश्लेषण किया व सैंट्रल एजैंसी का भी सहयोग लिया। इस तकनीकी विश्लेषण में करीब 5 टीमों ने अलग-अलग कार्य किया। उन्होंने बताया कि इस कड़ी में काम करते हुए एस.टी.एफ. हरियाणा ने एक रणनीतिक योजना तैयार की, जिस पर एस.टी.एफ. ने एक सुनियोजित प्लान के तहत धमकी देने वालों से पैसे देने के लिए खाता नंबर व मोबाइल नंबर मांगे। उन खाता नंबरों को ट्रेस करने के लिए 2 अलग-अलग टीमों द्वारा मुम्बई व मुजफ्फरपुर (बिहार) में रेड की गई।
 

 

मुंबई से इस गैंग के यह आरोपी गिरफ्तार हुए 
दुलेश आलम पुत्र बब्लू आलम निवासी गांव दमावरा थाना साठी जिला बेतिया बिहार, बदरे आलम पुत्र शाहे आलम निवासी गांव बिगरा मिल थाना दुधारा जिला बस्ती यू.पी.। इनके कब्जे से 20 पास बुक/ चेक बुक व इनके 18 ए.टी.एम. व 14 फर्जी सिम एवं 1 डायरी व 5 मोबाइल फोन बरामद किए गए।
 

 

बिहार से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया 
अमित यादव उर्फ राधेश्याम कुमार यादव पुत्र जयराम यादव निवासी गांव हजियापुर डाकखाना मानिकपुर थाना गोपालगंज जिला गोपालगंज बिहार, सद्दीक अनवर पुत्र मोहम्मद सफीउल्लाह निवासी गांव तुरकोलिया फतेहटोला डाकखाना बंजरिया जिला मोतीहारी बिहार, सनोज कुमार पुत्र महेश पंडित निवासी गांव पोरखरेरा थाना कांटी जिला मुजफ्फरपुर बिहार, कैश आलम पुत्र बबलू आलम निवासी गांव दमौरा थाना साठी जिला बेतिया बिहार गिरफ्तार किए। इनके कब्जे से 2 पासबुक/चैक बुक, 2 डायरियां, 1 रजिस्टर, 42 मोबाइल सिम ,19 मोबाइल फोन, 37 ए.टी.एम. कार्ड बरामद किए। 
 

 

किसी का खाता खुलवाकर सारे कागजात अपने पास रख लेते थे 
प्रवक्ता ने बताया कि अब तक आरोपियों से 55 ए.टी.एम. कार्ड, 24 मोबाइल फोन, 56 मोबाइल सिम, 22 पासबुक/चेकबुक, 3,97,000 रुपए, एक गाड़ी टाटा पंच, 3 डायरियां बरामद की गई हंै। ये लोग आम आदमी/गरीब व्यक्तियों से संपर्क करके उनको लालच देकर (15-20 हजार रुपए तक) उनका बैंक में खाता खुलवाकर उस खाते के सारे कागजात (बैंक पासबुक, चेक बुक, ए.टी.एम. कार्ड, ए.टी.एम. पासवर्ड) अपने पास रख लेते थे। साथ ही हर खाते को ऑप्रेट करने के लिए फर्जी सिम कार्ड खरीद लेते थे। रेड के दौरान एस.टी.एफ. हरियाणा को मुम्बई पुलिस क्राइम ब्रांच व एस.टी.एफ. बिहार व बिहार पुलिस का पूर्ण सहयोग मिला। तफ्तीश के दौरान इन आरोपियों से करीब 10 ऐसे पाकिस्तान में रहने वाले व्यक्तियों का पता लगा, जिनके द्वारा धमकियां दी जाती थीं व एक्सटॉर्शन का पैसा मंगवाया जाता था।
 

 

फ्रॉड करने वालों का बहुत चालाक गैंग 
प्रवक्ता ने बताया कि पूरी तफ्तीश से यह तथ्य स्पष्ट है कि ये सभी धमकियां व एक्सटॉर्शन कॉल न तो किसी आपराधिक गैंग की हैं व न ही किसी आतंकी संगठन की, बल्कि यह एक प्रोफैशनल आॢथक फ्रॉड करने वालों का बहुत चालाक गैंग है, जिनके साथी पाकिस्तान व मिडिल ईस्ट व भारत में बैठे हुए हैं। विदेश में बैठे अपराधी धमकी देकर, कौन बनेगा करोड़पति या लॉटरी निकलने का लालच देकर पीड़ित से पैसे निकलवाते तथा दुलेष/अमित द्वारा दिए गए बैंक खातों में पीड़ित से पैसे डलवाते थे। दुलेष व अमित इन पैसों को या तो ए.टी.एम. से निकालकर या पाकिस्तान में बैठे अपराधियों द्वारा दिए गए भारतीय बैंक खातों में डलवाते थे। 
 

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