पहली बार पंजाब का आबकारी राजस्व 6 महीनों में 4 हजार करोड़ के पार: चीमा

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 13 Oct, 2022 10:05 PM

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पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कर मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ईमानदार सरकार के प्रबंधन ने वो कर दिखाया है जो आबकारी विभाग में आज तक नहीं हुआ था। चीमा ने कहा कि राज्य का आबकारी राजस्व पहली बार वित्तीय वर्ष के शुरूआती 6 महीनों में 4000...

चंडीगढ़,(रमनजीत): पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कर मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ईमानदार सरकार के प्रबंधन ने वो कर दिखाया है जो आबकारी विभाग में आज तक नहीं हुआ था। चीमा ने कहा कि राज्य का आबकारी राजस्व पहली बार वित्तीय वर्ष के शुरूआती 6 महीनों में 4000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है। राज्य को पहले 6 महीने में ही 4,280 करोड़ रुपए का कुल आबकारी राजस्व एकत्रित हुआ है।

 


आज यहां पंजाब भवन में वित्त मंत्री ने खुलासा किया कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान आबकारी राजस्व में पिछले साल की इसी समयसीमा के आंकड़ों की अपेक्षा 37.62 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि साल 2021 और 2022 के दौरान 1 अप्रैल से 12 अक्तूबर तक आबकारी राजस्व वसूली क्रमवार 3110 करोड़ रुपए और 4280 करोड़ रुपए रही। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं कि उनकी सरकार ने इस अर्से के दौरान आबकारी राजस्व में 1170 करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज की है। 

 


शराब माफिया के साथ मिलीभगत के कारण आबकारी नीति में अपेक्षित बदलाव न करने के लिए पहले की सरकारों पर तीखा हमला बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यदि बीते 15 सालों के दौरान हरेक साल आबकारी वसूली में केवल 7 प्रतिशत की वृद्धि से हिसाब लगाएं तो इन पाॢटयों ने शराब माफिया को 22,500 करोड़ रुपए से अधिक का सरकारी ख?़ाना लुटाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार के इरादे इसी बात से स्पष्ट हो जाते हैं कि इसकी तरफ से 9 हजार करोड़ रुपए का आबकारी कर एकत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि पिछली सरकार का लक्ष्य केवल 6200 करोड़ रुपए का था। 

 


वित्त मंत्री ने कहा कि शराब माफिया की लॉबी केंद्र सरकार के द्वारा बार-बार इस पॉलिसी को तोडऩे के लिए हमारे अफसरों को तंग कर रही है। उन्होंने कहा पंजाब की ईमानदार सरकार मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की क्रांतिकारी सोच के अंतर्गत लोगों के कल्याण के लिए अपने अफसरों के साथ खड़ी है और केंद्र द्वारा अलग-अलग एजैंसियों के दबावी हथकंडों के आगे झुकेगी नहीं। उन्होंने कहा कि पंजाब की विरोधी पक्ष की पाॢटयां भी इसी शराब माफिया के दबाव अधीन पंजाब सरकार की आबकारी नीति पर सवाल उठा रही हैं। उन्होंने इन पाॢटयों को चुनौती दी कि वह जवाब दें कि उनकी सरकारों के समय आबकारी वसूली में अपेक्षित वृद्धि क्यों नहीं हुई थी। 38 प्रतिशत की यह सेहतमंद वृद्धि नई आबकारी नीति को समॢपत करते हुए चीमा ने कहा कि आबकारी नीति 2022-23 ने पंजाब में शराब के कारोबार में एक सराहनीय बदलाव की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति के मुख्य दोहरे उद्देश्य राजस्व को बढ़ाना और उपभोक्ताओं को किफायती और मानक शराब मुहैया करना है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस नीति के अंतर्गत नई तकनीकों के द्वारा पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी पर सख्त निगरानी रखने की भी कोशिश की जा रही है। 

 


इस संबंधी वित्त मंत्री ने कहा कि शराब के व्यापार की असली संभावना का मूल्यांकन ई-टैंडरिंग के स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से परचून समूहों को अलॉट करके किया गया है। उन्होंने बताया कि यह ठेके लगभग 30 करोड़ के साधारण आकार के समूहों में बनाए गए थे और राज्य में 175 समूहों में कुल 6378 ठेके की ई-नीलामी की गई थी। राज्य में अधिक से अधिक मुकाबले वाली कीमतों पर शराब की उपलब्धता को सुनिश्चित बनाने के लिए की गई पहलकदमियों संबंधी हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ड्यूटी प्रणाली को और उदार बनाया गया है और पंजाब मीडियम लीकर (पी.एम.एल.), आई.एम.एफ.एल., आई.एफ.एल. और बीयर के लिए न्यूनतम परचून बिक्री कीमत को नई आबकारी नीति में शामिल किया गया है। 

 

वित्त मंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों के मुकाबले शराब की कम कीमतें और विभाग द्वारा की गई सख्ती के कारण पंजाब में शराब की तस्करी में भारी कमी आई है। उन्होंने कहा कि पी.एम.एल और आई.एम.एफ.एल. की कीमतें घटने के कारण उपभोक्ता अब तस्करी वाली शराब या लाहन से बनी अवैध शराब से परहेज कर रहे हैं। चीमा ने कहा कि राज्य में रोजगार की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीति में नए डिस्टिलरी लाइसैंस और बरूअरी लाइसैंस के लिए उपबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में माल्ट स्पिरिट के उत्पादन के लिए नया लाइसेंस भी शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में हरेक परचून ठेके पर पी.ओ.एस. मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि ग्राहकों को शराब की खरीद के लिए रसीद मुहैया करवाई जाए। 

 


हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने विकास और खुशहाली के युग की शुरूआत करने के साथ-साथ लोगों के साथ किए सभी वायदों को पूरा करने के लिए राज्य का अपना राजस्व बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग द्वारा पिछली सरकारों के दौरान डिफाल्टर हुए लोगों के खिलाफ भी शिकंजा कसा है।

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