सुरक्षा बलों के एक्शन में देरी से बिगड़े हालात एक घंटा लेट मिले गोली चलाने के आदेश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Aug, 2017 08:51 AM

security forces delayed delay in action

पंचकूला में हालात सुरक्षा बलों की एक्शन में देरी से बिगड़े।

पंचकूला (नीरज): पंचकूला में हालात सुरक्षा बलों की एक्शन में देरी से बिगड़े। लाखोंं डेरा प्रेमियों को सी.बी.आई. कोर्ट की तरफ बढऩे से रोकने के लिए लगाए गए नाकों पर तैनात भारी पुलिस बल को किसी भी कड़ी कार्रवाई के आदेश नहीं दिए गए थे। उनसे सिर्फ इतना कहा गया था कि किसी भी आम व्यक्ति को बैरीरीकेड से आगे न बढऩे दिया जाए। माजरी चौक के आसपास बैठी डेरा प्रेमियों की भीड़ को जैसे ही डेरा मुखी को अदालत में दोषी करार दे दिए जाने की जानकारी मिली तो शाम करीब चार बजे सबसे पहले यहीं डेरा प्रेमियों में आक्रोश का ज्वार उठा और उन्होंने सुरक्षा बलों की ओर पथराव शुरू कर दिया लेकिन सुरक्षा बलों ने इसका जवाब देने के बजाय अपने कदम पीछे कर लिए। इसी बीच डेरा प्रेमियों की भीड़ टूट पड़ी। उपद्रवियों ने आगजनी शुरू कर दी। आगजनी को देखकर सुरक्षा बलों के जवान और पुलिस पीछे की ओर दौड़ लिए और दौड़ते-दौड़ते ही आंसू गैस के गोले उपद्रवियों पर छोडऩे लगे लेकिन उपद्रवी पथराव करते हुए आगे की ओर बढ़ते रहे। 


 

कई ओ.बी. वैन फूंकी
हैफेड चौक पर बैठी डेरा प्रेमियों की भीड़ ने जब आंसू गैस के गोले छोड़े जाने की आवाजें सुनीं तो वह भी आक्रोश में आ गए। जब उन तक सूचना पहुंची कि आंसू गैस के गोले माजरी चौक पर छोड़े जा रहे हैं और वहां न्यूज चैनल की ओबी वैन को आग लगा दी गई है तो हैफेड चौक पर बैठे डेरा प्रेमियों ने यहां खड़ी न्यूज चैनलों की ओबी वैनों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया। उपद्रवी लाठियां लेकर टूट पड़े। यहां भी सुरक्षा बलों के जवान और पुलिस कर्मी बैरीकेडिंग के दूसरी ओर शांत खड़े रहे। सैक्टर-4 और 2 में स्थित एक बैंक में तोडफ़ोड़ और दो सरकारी दफ्तरों में आग लगा दी। 

 

भगदड़ में भी मारे गए लोग 
गृह मंत्रालय से सुरक्षा बलों को गोली चलाने के आदेश मिले तो सुरक्षा बल उपद्रवी भीड़ के आगे डट गए और सीधी फायरिंग शुरू कर दी। उपद्रवी भीड़ की ओर से भी देसी कट्टों से सुरक्षा बलों पर फायरिंग की गई। एंबुलैंस घायल व मृतकों को एंबुलैंस में डालकर सैक्टर-6 स्थित सरकारी अस्पताल में ले जाने का सिलसिला शुरू हो गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जरूरी नहीं कि सुरक्षा बलों की गोली से लोग मरे हैं। हो सकता है कि उनके देसी हथियारों से निकली गोलियां ही उनको लगी हों। कुछ भगदड़ में कुचलकर मारे गए।


 

डेरा समर्थकों ने थैलों में भरे थे पत्थर 
सैक्टर-5 में हिंसक हुए डेरा समर्थकों में सैंकड़ों महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे,जोकि सैक्टर-4 एल.आई.सी.बिल्डिंग के पास सड़क पर बैठे थे,जिन्हें पुलिस ने बिना कुछ कहे जगह छोडऩे को कहा,जिसका फायदा उठाकर उपद्रवियों ने एक बार फिर पुलिस पर हमला कर दिया, जिनके बैग्स व थैलों में पत्थर व पैट्रोल की बोतलें भरी थीं। पुलिस ने डेरा समर्थकों को हावी होते देख एक बार फिर फायरिंग कर दी,जिसके बाद मची भगदड़ में कई महिलाएं व बच्चे जख्मी हो गए,जिन्हें वहां से खदेड़ दिया गया। खदेडऩे से पहले डेरा प्रेमी आसपास की कई इमारतों को क्षति पहुंचा चुके थे,जिसमें एल.आई.सी.बिल्डिंग,हैफेड व कई अन्य सरकारी विभागों की इमारतें हैं जिनके बाहर खड़े दर्जनों वाहन भी जला दिए गए। 

 

पार्किंग व आसपास सड़क की रेलिंग भी तोड़ दी गई। तोड़-फोड़ व आगजनी में महिलाएं भी पीछे नहीं थीं,जोकि वाहनों को आग लगाने के बाद डांस कर पुलिस को चिढ़ाती रही। पुलिस कार्रवाई के बाद सुनसान हुई सड़कों पर कई जगह घायल और शव पड़े थे,जिन्हें आधे घंटे बाद एम्बुलैंस में अस्पताल लाया गया। स्थिति शांत हुई तो आसपास छिपे डेरा समर्थक बाहर निकलने शुरू हुए,जिन्हें पुलिस व अर्धसैनिकों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। एक किलोमीटर तक डेरा प्रेमियों का सामान बिखरा पड़ा था। 

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