स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट: 5 एस.टी.पी. के अपग्रेडेशन के लिए प्रोसैस शुरू

Edited By pooja verma,Updated: 28 Feb, 2020 12:39 PM

smart city project 5 stp process started for upgrade

शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने पांच सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट (एस.टी.पी.) अपग्रेड करने के लिए दोबारा प्रोसैस शुरू कर दिया है।

चंडीगढ़ (राजिंद्र) : शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने पांच सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट (एस.टी.पी.) अपग्रेड करने के लिए दोबारा प्रोसैस शुरू कर दिया है। इसके लिए टैंडर जारी कर दिया गया है। इससे पहले भी एक साथ इस काम का टैंडर जारी किया गया था, जिसमें योग्य कंपनी फाइनल करने में प्रशासन असफल रहा था। 

 

यही कारण है कि अब अलग-अलग अपगे्रड करने के लिए इनके तीन टैंडर जारी किए गए हैं। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि उन्होंने इस  प्रोजैक्ट के लिए टैंडर जारी कर दिया है।  पहले कई कारणों के चलते इसका काम लटकता रहा है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वह जल्द ही इसका काम अलॉट करने में सफल रहेंगे। प्रोजैक्ट में देरी के चलते इसकी थोड़ी कॉस्ट भी बढ़ गई है। 

 

इस काम के लिए इच्छुक कंपनियां 18 मार्च तक अप्लाई कर सकेंगी और उसी दिन इसकी टैक्निकल बिड खोली जाएगी। इन पांच एस.टी.पी. में सैक्टर-66 स्थित डिग्गयां, रायपुर कलां, रायपुर खुर्द, थ्रीबीआरडी और धनास शामिल हैं। इनके लिए अलग-अलग टैंडर जारी किया गया है। ये टैंडर 15 वर्ष ऑपरेट व मैंटेनैंस के तहत जारी किया गया है। 


 

एस.टी.पी. का बी.ओ.डी. लैवल करना है कम 
निगम ने प्लांट अपग्रेड करके टर्शरी ट्रीटेड वाटर का बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बी ओडी) लैवल कम करना है, ताकि घरों और गार्डनों में सप्लाई के दौरान इससे बद्बू न आए। अभी फिलहाल बी.ओ.डी. लैवल ज्यादा होने के चलते पानी सही रुप से ट्रीट नहीं हो रहा है, जिसके चलते 36 एम.जी.डी. पानी को नाले में व्यर्थ बहाया जा रहा है। निगम ने जिन प्लांट्स को अपग्रेड करना है।  

 

उनमें एस.टी.पी. डिग्गियां क्षमता (30 एम.जी.डी.), थ्रीबीआरडी (11  एम.जी.डी.), रायपुर कलां 5 एम.जी.डी., रायपुर खुर्द 1.25 एम.जी.डी. और धनास (1.65  एम.जी.डी.) का प्लांट शामिल है। इसकी लागत 80 करोड़ रुपए के करीब है। इसकी फंडिंग स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सैंटर गवर्नमैंट ने करनी है। अभी फिलहाल थ्रीबीआरडी को छोड़कर सभी प्लांट्स का बी.ओ.डी. लैवल अधिक है। 

 

इसके अलावा किशनगढ़ में भी एक प्लांट लगाया जाना है, ताकि नयागांव और कांसल से सुखना कैचमेंट एरिया में आने वाले सीवरेज वाटर को मैनेज किया जा सके। इसके अलावा एस.टी.पी. सूखे के दौरान सुखना को भरने के काम भी आ सकता है। इस प्लांट की 2 एम.एल.डी. की क्षमता होगी। इस प्लांट को लगाने का काम अब चंडीगढ़ प्रशासन करेगा। 


 

क्या होता है बी.ओ.डी. लैवल 
बी.ओ.डी. सीवरेज वाटर को साफ करने की एक पूरी प्रक्रिया है। जिसमें कैमीकल ट्रीटमैंट के बाद सीवरेज वाटर को उपयोग योग्य बनाया जाता है। टर्शरी ट्रीटेड इसे इस्तेमाल करने से  पहले ट्रीट करने की फाइनल प्रक्रिया है। जितना ज्यादा बी.ओ.डी. लैवल होगा, उतनी ज्यादा  ट्रीटेड वाटर से बद्बू आएगी।

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