चाणक्य नीति सूत्र: जीवन में किए गए फैसलों को लेकर पछताना नहीं पड़ेगा
Edited By ,Updated: 15 Apr, 2016 02:59 PM
सुख-दुख का साथी
बार-बार विचार करो मानी प्रतिमानिनमात्मनि द्वितीयं मंत्रमुत्पादयेत्।
स्वाभिमानी व्यक्ति
सुख-दुख का साथी
बार-बार विचार करो मानी प्रतिमानिनमात्मनि द्वितीयं मंत्रमुत्पादयेत्।
स्वाभिमानी व्यक्ति प्रतिकूल विचारों को सम्मुख रख कर दोबारा उन पर विचार करे।
एक स्वाभिमानी राजा के लिए आवश्यक है कि विपरीत स्थितियों में जो जटिल समस्याएं उठ खड़ी हों, उन पर शांति के साथ बार-बार विचार करे और उसकी अच्छाई-बुराई के दोनों पक्षों को समान रूप से परख कर कोई निर्णय करे। ऐसा राजा अपनी समस्याओं के निपटारे में कभी भी हतोत्साहित नहीं हो सकता।