Edited By ,Updated: 07 May, 2016 12:32 PM
छींक अच्छी या बुरी
छींक आना शरीर की एक स्वाभाविक क्रिया है। वैज्ञानिक नजरिए से छींक आना ठीक है। नाक या श्वसन तंत्र में किसी अवांछित पदार्थ के आने से छींक आती है जिससे
छींक अच्छी या बुरी
छींक आना शरीर की एक स्वाभाविक क्रिया है। वैज्ञानिक नजरिए से छींक आना ठीक है। नाक या श्वसन तंत्र में किसी अवांछित पदार्थ के आने से छींक आती है जिससे नाक साफ हो जाती है। छींक आने का मतलब किसी संक्रामक रोग के हमले की सूचना भी हो सकता है परंतु प्राचीनकाल से ही लोगों में छींक को लेकर तरह-तरह की धारणाएं हैं। जैसे हमारे यहां किसी के प्रस्थान करते समय कोई छींक दे तो अशुभ माना जाता है कि मार्ग में दुर्घटना हो सकती है या वह काम सफल न होगा जिसके लिए जा रहे थे।
सामान्यत: छींक के बारे में माना जाता है कि कोई याद कर रहा है।
ब्रिटिश न्यूगिनी में लोग छींक आने पर आत्मा की वापसी का संकेत मानते हैं। जूते पहनते समय छींक आ जाए तो जर्मनी के लोगों के लिए वह शुभ संकेत है। छींक आए तो ईरानियों का मतलब है कि शैतान नाक के रास्ते शरीर में दाखिल हो रहा है। लिहाजा शरीर से शैतान को बाहर निकालने के लिए पवित्र जल से नाक धोते हैं। अगर मोजे पहनते समय किसी रूसी को छींक आ जाए तो इसे शुभ संकेत मानते हैं। यूनानी लोग भी छींक को शुभ मानते हैं। उनका मानना है कि छींक आना अदृश्य दैवीय शक्तियों का उन पर प्रसन्न होने का सूचक है और समय उनके अनुकूल है- उनके कार्य सफल होंगे इसलिए वे छींक आने पर धार्मिक गीत गुनगुनाते और अच्छे कार्य करने की तैयारी में लग जाते हैं।
प्रस्थान के समय छींक आने को भारतीयों की भांति अफ्रीकी भी अशुभ मानते हैं। उनका मानना है कि छींक आने का मतलब उनका कोई दुश्मन उन्हें याद कर रहा है। एस्तोनिया में माना जाता है कि दो गर्भवती स्त्रियां एक साथ छींकें तो लड़की जन्मेगी और अगर दो पुरुष छींकते हैं तो लड़का जन्म लेगा। आस्ट्रेलिया में लोग छींक आने को शुभ मानते हैं तो ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हैं।
—ए.पी. भारती