Edited By Lata,Updated: 25 Nov, 2019 05:12 PM
हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में पड़ने वाली अमावस्या अपने आप में खास होती है। लेकिन मार्गशीर्ष में पड़ने वाली अमावस्या का
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हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में पड़ने वाली अमावस्या अपने आप में खास होती है। लेकिन मार्गशीर्ष में पड़ने वाली अमावस्या का काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। बता दें कि इसे अगहन मास की अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस खास दिन पर देवी लक्ष्मी की आराधना की जाती है। इसके साथ ही दान, स्नान व अन्य धार्मिक कार्यों का अपना महत्व होता है। इस दिन पितरों का तर्पण किया जाता है। यानि कि जिन लोगों के घरों में कलह-क्लेश चलता रहता है, उन्हें अमावस्या के दिन पितर तर्पण करना चाहिए। ये बहुत ही लाभकारी व पुण्य दायक होता है।
महत्व
मार्गशीर्ष की अमावस्या हर महीने में पड़ने वाली अमावस्या की तरह ही होती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा और व्रत रखने से हमारे पितर प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि अमावस्या पर व्रत करने से कुंडली के दोष समाप्त होने की भी मान्यता है। ऐसी मान्यता है कि सत युग में देवों ने मार्गशीर्ष माह की प्रथम तिथि को ही वर्ष का आरंभ किया था।
विष्णु पुराण के अनुसार पूरी श्रद्धा से अमावस्या का व्रत रखने से पितरों की आत्मा ही तृप्त नहीं होती, बल्कि ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, पशु-पक्षी और समस्त भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं। जो लोग अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति चाहते हैं उन्हें इस माह की अमावस्या को उपवास रखकर पूजन करना चाहिए। जिन व्यक्तियों की कुंडली में संतान हीन योग बन रहा हो, उन्हें भी इस उपवास को रखना चाहिए।