Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Mar, 2025 06:42 AM
Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी धार्मिक से लेकर आयुर्वेदिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। आमलकी एकादशी विशेष रूप से आंवले के पेड़ की पूजा से जुड़ी एकादशी है। आमलकी एकादशी का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी...
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Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी धार्मिक से लेकर आयुर्वेदिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। आमलकी एकादशी विशेष रूप से आंवले के पेड़ की पूजा से जुड़ी एकादशी है। आमलकी एकादशी का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है क्योंकि आंवला (आंवले का फल) को आयुर्वेद में "आमलकी" कहा जाता है, जो शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है। इसे 'अमृत' का प्रतीक माना जाता है और यह शरीर के सभी दोषों को नष्ट करने की क्षमता रखता है। आंवला को पूजा के दौरान चढ़ाना और उसकी सेवा करना विशेष रूप से पुण्यकारी माना जाता है।

आमलकी एकादशी का व्रत न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह व्यक्ति के आध्यात्मिक जीवन को भी सशक्त बनाता है। आमलकी एकादशी के व्रत के दौरान आंवला का सेवन करने से पाचन क्रिया में सुधार आता है और शरीर में जल की अधिकता बनी रहती है, जो त्वचा को सुंदर और जवां बनाता है। आयुर्वेद में आंवला का उपयोग न केवल शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बल्कि यह मानसिक शांति और हृदय की शक्ति को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
आमलकी एकादशी के दिन आंवला का सेवन करने से शरीर में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और शरीर की ताकत और रोग प्रतिकारक क्षमता (इम्यूनिटी) में वृद्धि होती है। साथ ही यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है, जो त्वचा को भी निखारता है और शरीर को ताजगी प्रदान करता है।