Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 07 Jun, 2025 02:18 PM

शनिवार दोपहर उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की ओर जा रहा एम्स ऋषिकेश का एक हेलिकॉप्टर अचानक तकनीकी दिक्कत में फंस गया। हेलिपैड से महज दस मीटर पहले इंजन में खराबी का संकेत मिला तो पायलट ने बिना देर किए हाईवे को वैकल्पिक रनवे बना लिया। हेलिकॉप्टर में...
नेशनल डेस्क: शनिवार दोपहर उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की ओर जा रहा एम्स ऋषिकेश का एक हेलिकॉप्टर अचानक तकनीकी दिक्कत में फंस गया। हेलिपैड से महज दस मीटर पहले इंजन में खराबी का संकेत मिला तो पायलट ने बिना देर किए हाईवे को वैकल्पिक रनवे बना लिया। हेलिकॉप्टर में पायलट सहित कुल पांच यात्री सवार थे जो सभी सुरक्षित हैं। मशीन में खराबी की चेतावनी मिलते ही पायलट ने धैर्य नहीं खोया। ऊंचाई कम करते हुए उसने आसपास का ट्रैफिक देखा और सड़क का खाली हिस्सा चुनकर सुरक्षित लैंडिंग कराई। विशेषज्ञों के अनुसार अगर पायलट ने सेकंड-भर की भी देरी की होती तो हेलिकॉप्टर पहाड़ से टकरा सकता था या भरी सड़क पर गिर सकता था। इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान हेलिकॉप्टर का पिछला हिस्सा सड़क किनारे खड़ी एक कार से जा टकराया। कार को मामूली नुकसान पहुँचा पर सवार लोग बाल-बाल बचे। हेलिकॉप्टर का टेल-बूम टूट गया है जिसे तकनीकी टीम दुरुस्त कर रही है। ऋषिकेश एम्स का यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ से एक गंभीर मरीज को लाने के लिए रवाना हुआ था। उड़ान से पहले मौसम अनुकूल था पर उड़ान के अंतिम कुछ मिनटों में तकनीकी समस्या सामने आई। अस्पताल प्रशासन ने कहा कि नई मशीनरी के बावजूद खड़ी-खड़ी बर्फ और ऊंचाई वाले इलाकों में उपकरणों पर दबाव बढ़ जाता है।
हादसा कैसे टला: चश्मदीदों की ज़ुबानी
पास के गाँव के लोगों ने बताया कि उन्हें अचानक ऊपर से तेज आवाज और कम ऊंचाई पर उड़ता हेलिकॉप्टर दिखा। सड़क का वह हिस्सा उस वक्त लगभग खाली था। ग्रामीणों का कहना है कि पायलट ने सड़क छूते ही ब्लेड बंद कर दिए जिससे धूल नहीं उड़ी और हादसा नहीं हुआ। ग्रामीण फौरन मदद को दौड़े और यात्रियों को सुरक्षित दूरी पर ले गए। घटना की सूचना मिलते ही आपदा प्रबंधन दल पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुँचीं। यात्रियों की मेडिकल जांच कर उन्हें सुरक्षित स्थान भेजा गया। एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने प्रारंभिक जाँच शुरू कर दी है ताकि खराबी की असली वजह तय हो सके।