Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 May, 2019 02:01 PM
ज्येष्ठ मास के कृष्णपक्ष में आने वाली एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। 2019 में ये एकादशी 30 मई को आ रही है। पद्मपुराण में कहा गया है जो व्यक्ति इस एकादशी का व्रत करता है,
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ज्येष्ठ मास के कृष्णपक्ष में आने वाली एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। 2019 में ये एकादशी 30 मई को आ रही है। पद्मपुराण में कहा गया है जो व्यक्ति इस एकादशी का व्रत करता है, उसे प्रेत योनि से मुक्ति मिल जाती है और भगवान विष्णु की कृपा सदा उस पर बनी रहती है। विधि-विधान के साथ इस व्रत को करने वाले व्यक्ति का पुण्य कई हजार गुना बढ़ जाता है। यदि आप स्वयं को व्रत रखने में सक्षम नहीं मानते तो एक समय दूध, दही, फल, आलू की सब्जी और सिंघाड़े के आटे की रोटी खाई जा सकती है लेकिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ये काम नहीं करने चाहिए-
चावल नहीं खाने चाहिए। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी के दिन चावलों का सेवन करता है, उसके जीवन में भटकाव बना रहता है। उसे तन और मन की शांति नहीं मिल पाती।
नशीली चीज़ों से बचें। भांग, धूम्रपान और मदिरा आदि से दूरी बनाकर रखें।
व्रत वाले दिन अपने मन को शांत रखें और सारा दिन मन ही मन महामंत्र का जाप करते रहें। गुस्से और टेंशन को अपने आप पर हावी न होने दें। इससे शरीर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और मन विचलित होता है।
एकादशी की सुबह दांत साफ करने के लिए दातुन अथवा टूथपेस्ट का इस्तेमाल न करें। एकादशी तिथि आरंभ होने से पहले दांत साफ कर लें।
साबुन का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए। उसके स्थान पर दही से स्नान किया जा सकता है।
केश धोना, नाखून काटना भी वर्जित होता है।
जिस व्यक्ति ने व्रत रखा हो उसे स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए। कुछ भी खाने से पहले भगवान को भोग लगाएं, फिर उस प्रसाद को ग्रहण करें।