Edited By Lata,Updated: 03 Feb, 2020 12:43 PM
हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का बहुत अधिक महत्व होता है। कहते हैं कि चार धाम यात्रा करने से व्यक्ति के सारे
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हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का बहुत अधिक महत्व होता है। कहते हैं कि चार धाम यात्रा करने से व्यक्ति के सारे पाप दूर हो जाते हैं। बता दें कि चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमनोत्री आते हैं। जहां बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित होता है तो वहीं केदारनाथ भगवान शिव का धाम माना जाता है। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए चार धाम यात्रा पर जाते हैं। अब इस बात से तो सब वाकिफ ही होंगे कि शीतकाल में बद्रीनाथ धाम के कपाट 6 महीनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं और फिर से अप्रैल के महीने में भक्तों के दर्शन के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट फिर से खोले जाते हैं। आज हम आपको इसके खुलने के समय के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
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हर साल की तरह इस साल भी बीते दिनों यानि कि 29 जनवरी को माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन टिहरी के राजदरबार में उपस्थित ज्योतिषियों की उपस्थिति में बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तिथि और समय का निर्धारण किया गया है। इस साल बद्रीनाथ के कपाट कई शुभ संयोगों की उपस्थिति में खोले जाएंगे जो बहुत ही शुभ व फलदायी होगा।
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बता दें कि इस साल बद्रीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल 2020 की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर खुलें जाएंगे। टिहरी दरबार द्वारा तय किए गए इस दिन गुरुवार पड़ रहा है और इसके साथ ही इस दिन शनि का नक्षत्र पुष्य योग भी बन रहा है। ज्योतिषशास्त्र में इस तरह के योग को गुरु पुष्य नक्षत्र का शुभ योग माना जाता है जोकि अक्षय तृतीया के समान माना जाता है। मान्यता है कि इस योग में किए गए हर कार्य में सफलता मिलती है। इसके साथ ही इस खास दिन पर गंगा जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार इस तिथि के दिन ही गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था, इसलिये इस दिन को गंगा जयंती कहा जाता है।