'लागी तुम संग यारी, ओ मेरे बांके बिहारी...’ की धुन पर झूमे भक्तजन

Edited By Jyoti,Updated: 22 Nov, 2019 09:46 AM

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जालंधर(वीना): ''जिसके जीवन में श्रीमद् भागवत की अमृतमय कथा आ जाती है, उसके जीवन की दिशा बदल जाती है व दिशा के बदलने से उसकी दशा भी बदल जाती है।''

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जालंधर(वीना)
:
'जिसके जीवन में श्रीमद् भागवत की अमृतमय कथा आ जाती है, उसके जीवन की दिशा बदल जाती है व दिशा के बदलने से उसकी दशा भी बदल जाती है।'

यह शब्द बीते दिन साईंदास स्कूल की ग्राऊंड में श्री बांके बिहारी भागवत प्रचार समिति की ओर से करवाए जा रहे श्रीमद् भागवत कथा रसवर्षा कार्यक्रम में श्रीमद् भागवत की महिमा सुनाते हुए कथा व्यास आचार्य श्री गौरव कृष्ण जी महाराज ने कहे।
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उन्होंने कहा कि मनुष्य के पुण्यकर्म उदित होते हैं तो भगवान की कृपा से मनुष्य को कथा सुनने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि गोकर्ण और धुंधकारी दोनों भाई थे। कुसंगति में आकर धुंधकारी का जीवन ही गलत दिशा की ओर चल पड़ा। कानों में अच्छी बात सुनना ही वास्तव में गोकर्ण है, इसलिए जीवन में बुराइयों को छोड़ कर अच्छी बातें सुनो व जीवन में उनके अनुसार आचरण करो। श्रीमद् भागवत की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि यह कथा प्रेम का अमृत पिलाती है, प्यासों की प्यास बुझाती है तथा जीने की कला सिखाती है।

उन्होंने कहा कि मनुष्य जो कुछ सुनता है वैसा ही करता है तथा वैसा ही वातावरण परिवार और समाज में बनता है। अपने माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा और आदर सम्मान करने की प्रेरणा भी सत्संग में आने से ही मिलती है। भागदौड़ की जिंदगी में न तो किसी के मन को शान्ति है तथा न ही क्रांति है बल्कि सब के मन में केवल भ्रांति है यानि समस्त जीव भम्र में ही जी रहे हैं। आचार्य जी ने एक कहानी सुनाते हुए कहा कि स्वर्ग और नरक में केवल एक ही अन्तर है कि स्वर्ग में प्रेम है, परंतु नरक में प्रेम का अभाव है।

मनुष्य अपने कर्मों से इसी धरती पर स्वर्ग लाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि सच्चिदानंद भगवान की कथा जितनी भी बार सुनो हर बार नई ही लगती है। स्थिति चाहे कैसी भी हो स्वार्थ रहित होकर श्रद्धाभाव से कथा का आनन्द लेना चाहिए। ईश्वर एक है, उसे पाने के रास्ते अनेक हैं, इसलिए सभी का आदर सत्कार करना सभी का कर्तव्य है।
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बीच-बीच में श्री गौरव कृष्ण जी ने 'लागी तुम संग यारी, ओ मेरे बांके बिहारी...’ बांके बिहारी मेरे कुंज बिहारी...’, 'नाम ले ले प्रभु का तूं तर जाऐगा..., क्या पता कल न जाने किधर जाऐगा...’ 'तूं मेरा गोपाल, मैं हूं दास तेरा...’ व 'जय राधे राधे राधे...’ भजन सुनाकर संगत को झूमने पर विवश कर दिया।

समारोह में पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर व सुनील कुमार धवन (पंजाब केसरी ग्रुप) मुख्यातिथि के रूप में पधारे, जबकि पंजाब कांग्रेस के सचिव अतुल सूद विशेषातिथि रहे। समिति की ओर से सिरोपे भेंट कर उनका स्वागत किया गया।

कथा व्यास आचार्य श्री गौरव कृष्ण जी का सुनील नैयर, उमेश ओहरी, संदीप मलिक, बृजमोहन चड्ढा, नरेन्द्र वर्मा, महेश मखीजा, राहुल बाहरी, विकास ग्रोवर, हतिन्द्र तलवाड़, तरुण सरीन, हेमंत थापर, चन्दन वढेरा, अंकुश जुनेजा, राजवंश मल्होत्रा, गोपी वर्मा, भूपिन्द्र सिंह बिल्ला, विनोद खेड़ा, जतिन्द्र सोनू, राजकुमार शर्मा, सुमित गोयल अश्विनी कुमार, जोगिन्द्र सिंह, पवन नंदा, रिम्पी नैयर, रुपिका ओहरी, जया सहगल, सोनिया थापर, दीक्षा थापर, सुमन वर्मा, ज्योति मरवाहा, सुनीता शर्मा, राकेश ठाकुर, अर्चना ठाकुर व अन्य ने स्वागत किया।PunjabKesari, Dharam, Bhagwat Katha, Acharya Shri Gaurav Krishna Ji Maharaj, Gaurav krishna ki bhagwat katha, Gaurav krishna bhagwat katha,श्रीमद् भागवत,  कथा व्यास आचार्य श्री गौरव कृष्ण जी महाराज, आचार्य श्री गौरव कृष्ण जी महाराज, Dharmik Katha in hindi

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