चाणक्य नीति: जानिए, बिना आग शरीर जलाने वाली बातें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 09:30 AM

chanakya niti

आचार्य चाणक्य को राजनीति एवं कूटनीति में संपन्न अौर अर्थशास्त्र के विद्वान माना जाता

आचार्य चाणक्य को राजनीति एवं कूटनीति में संपन्न अौर अर्थशास्त्र के विद्वान माना जाता है। उन्होंने अपने ज्ञान को स्वयं तक सीमित न रखकर चाणक्य नीति में लिखकर अपनी आने वाली पीढ़ियों को दिया। उनकी नीतियां जीवन में मुसीबतों से छुटकारा पाने के लिए प्रयोग की जा सकती हैं। राजनीति अौर अर्थशास्त्र के पितामाह आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में जीवन से संबंधित प्रत्येक पहलुअों का वर्णन किया है। चाणक्य ने ऐसी बातों के बारे में बताया है जो बिना आग के भी शरीर को जला देती है। 

कान्तावियोग: स्वजनापमान: ऋणस्य शेष: कुनृपस्य सेवा।
दरिद्रभावो विषमा सभा च विनाग्निनैते प्रदहन्ति कायम्।।


भावार्थ:पत्नी का बिछुड़ना, अपने बंधु-बांधवों से अपमानित होना, अपने पर कर्ज चढ़े रहना, दुष्ट अथवा बुरे मालिक की सेवा में रहना, निरंतर निर्धन बने रहना, दुष्ट लोगों और स्वार्थियों की सभा अथवा समाज में रहना, ये सब ऐसी बातें हैं जो बिना अग्रि के शरीर को हर समय जलाती रहती हैं।
 

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