Edited By ,Updated: 18 Feb, 2017 10:58 AM
विश्व में सूर्य को प्रत्यक्ष देव कहा जाता है अर्थात हर कोई इनके साक्षात दर्शन कर सकता है। सभी ग्रहों में
विश्व में सूर्य को प्रत्यक्ष देव कहा जाता है अर्थात हर कोई इनके साक्षात दर्शन कर सकता है। सभी ग्रहों में सूर्य नारायण सबसे तेजस्वी और कांतिमय हैं। सूर्य आराधना से शरीर भी सुंदर और कांतिमय होता है। हृदय रोगियों के लिए भी सूर्य की उपासना करने से आशातीत लाभ होता है। इन मंत्रों के जाप से सूर्य भगवान प्रसन्न होते हैं और दीर्घायु होने का फल प्रदान करते हैं। सूर्य भगवान की कृपा पाने के लिए प्रत्येक रविवार गुड़ और चावल को नदी अथवा बहते पानी में प्रवाहित करें। तांबे का सिक्का नदी में प्रवाहित करने से भी सूर्य भगवान की कृपा रहती है। सूर्य भगवान की आराधना का सबसे उत्तम समय सुबह का होता है।
मनोवांछित फल पाने के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करें
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा॥
सूर्य बलवान होंगे, तभी जीवन में सभी काम बनेंगे। करें सूर्य मंत्रों का जाप
ॐ जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम। तमो रि सर्वपषपघ्नं सूर्यमषवषह्याम्यहम।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:॥
ॐ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य श्रीं ॐ।
ॐ आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्।
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: ॐ ह्रीं ह्वीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा॥
ॐ ऐहि सूयज्र्ञ सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भत्तया, गृहाणार्घय दिवाकर:।
ॐ ह्रीं घृणि: सर्य आदित्य क्लीं ॐ।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:।