दर्श अमावस्या: देवी लक्ष्मी के साथ-साथ करें हनुमान जी की आराधना

Edited By Jyoti,Updated: 11 May, 2021 03:52 PM

darsh amavasya 2021

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन आसमान में चंद्रमा दिखाई नहीं देते। ग्रंथों आदि में कहा गया है जिसी क्षय और उदय नहीं होता, उसे अमावस्या तथा "कुहू अमावस्या" के

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन आसमान में चंद्रमा दिखाई नहीं देते। ग्रंथों आदि में कहा गया है जिसी क्षय और उदय नहीं होता, उसे अमावस्या तथा "कुहू अमावस्या" के नाम से जाना जाता है। ज्योतिषी बताते हैं कि सूर्य और चंद्रमा के मिलन का काल अमावस्या कहलाता है। इस दौरान सूर्य और चंद्रमा एक साथ एक ही राशि में निवास करते हैं। बता दे इस बार दर्श अमावस्या आज यानि 11 मई को पड़ रही हैै। चूंकि इस बार ये मंगलवार को आई तो इसलिए इसे भौम अमावस्या कहा जाता है। यहां जानें दर्श अमावस्या का शुभ मुहूर्त- 

मई 11, 2021, मंगलवा- दर्श अमावस्या व वैशाख अमावस्या
वैशाख, कृष्ण अमावस्या
प्रारम्भ - 09:55 पी एम, मई 10
समाप्त - 12:29 ए एम, मई 12

भौम अमावस्या होने के कारण इस दिन हनुमान जी की आराधना भी अति लाभदायक मानी जाती हैं, तो आइए जानते हैं उनकी पूजा से जुड़ी खास बातें। मगर इससे पहले जानते हैं अमावस्या तिथि से जुड़ी जानकारी-

कहा जाता है अमा‍वस्या के दिन भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय और उन्मुक्त रहते हैं। इसलिए ऐसे दिन की प्रकृति को जानकर विशेष सावधानी रखनी चाहिए। ध्यान रहे भूल से भी इस दिन तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। किसी भी तरह के शराब आदि नशे से दूर रहना चाहिए। कहा जाता है इससे शरीर पर ही नहीं, जातक के भविष्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। ज्योतिषियों द्वारा बताया जाता है कि चन्द्र मन के देवता हैं। अमावस्या के दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं देता। ऐसे में जो लोग अति भावुक होते हैं, उन पर इस बात का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा इस दिन चन्द्रमा नहीं दिखाई देता तो ऐसे में हमारे शरीर में हलचल अधिक बढ़ जाती है। जो व्यक्ति नकारात्मक सोच वाला होता है उसे नकारात्मक शक्ति अपने प्रभाव में ले लेती है।

लोक मत ह  कि इस दिन विशेष रूप से हनुमानजी की पूजा या उनका पाठ करने से व्यक्ति नकारात्मक विचार और शक्तियों से बच जाता है। सुबह-शाम हनुमान चालीसा, बजरंग बाण या सुंदरकाण्ड पढ़ें। 

उनके समक्ष दीपक जलाएं और साफ आसन पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। अग चाहें तो श्रीराम दूताय नम: मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं, गुड़ और चने का प्रसाद बांटें, चमेली के तेल और सिंदूर से अभिषेक करें। हनुमान मंत्र का जाप करें।

इन्हें पान का बीड़ा अर्पित करें तथा भय से मुक्ति हेतु इस दिन निरंतर हनुमान जी के 12 नामों का जप करते रहें।

इसक अलावा संभव हो तो इस दिन तांबे का त्रिकोण मंगल यंत्र घर में स्थापित करके नित्य इसकी पूजा कर मंगल स्तोत्र का पाठ करें। यंत्र पर लाल चंदन का तिलक करें। इससे आपको धनलाभ प्राप्त होगा। 

लक्ष्मी मां की कृपा पाने के लिए श्रीयंत्र की विधिवत पूजा करें और श्रीसूक्त का पाठ करें। कहा जाता है यह उपाय करने से भी तमाम तरह के आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं और धन लाभ होता है। 
 

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