क्या आपको पता है देवी-देवता के इन प्रिय मंत्रों और फूलों के बारे में ?

Edited By Lata,Updated: 26 Jun, 2019 12:50 PM

do you know about these flowers and mantra

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विधान पुराने समय से ही चला आ रहा है और हर धार्मिक कामों में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए फूलों व मंत्रों का विशेष महत्व होता है।

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हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विधान पुराने समय से ही चला आ रहा है और हर धार्मिक कामों में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए फूलों व मंत्रों का विशेष महत्व होता है। भगवान को भक्ति में भाव, फूल और मंत्रों का जप का विशेष प्रिय होते हैं। माना जाता है कि अगर भगवान को विशेष रंग के फूल चढ़ाएं जाएं तो इससे वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि हर देवी-देवता को अलग-अलग फूल पसंद होते हैं। आज हम आपको हर देवी-देवता से जुड़े उनके पसंद के फूल व मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं। 
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सनातन धर्म में फूल का महत्व-
दैवस्य मस्तकं कुर्यात्कुसुमोपहितं सदा। 
अर्थता देवता का मस्तक या सिर हमेशा फूलों से सुशोभित रहना चाहिए। 

पुष्पैर्देवां प्रसीदन्ति पुष्पै देवाश्च संस्थिता 
न रत्नैर्न सुवर्णेन न वित्तेन च भूरिणा 
तथा प्रसादमायाति यथा पुष्पैर्जनार्दन। 
अर्थता देवता रत्न, र्स्वण, द्रव्य, व्रत, तपस्या या अन्य किसी वस्तु से उतने प्रसन्न नहीं होते, जितना पुष्प चढ़ाने से होते हैं। 
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शिव प्रिय फूल
भगवान शिव को धतूरे के फूल बहुत प्रिय होते हैं। इसके अलावा हरसिंगार, नागकेसर के सफेद पुष्प, कनेर, आक, कुश आदि के फूल भी भगवान शिव को चढ़ाने का विधान है। लेकिन कभी भी भगवान शिवजी को केवड़े का फूल और तुलसी दल न चढ़ाएं। 
मंत्र-
ॐ नमः शिवाय॥
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनानत् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

विष्णु प्रिय फूल
श्री हरि को कमल, जूही, कदम्ब, केवड़ा, चमेली, चंपा, वैजयंती के पुष्प विशेष प्रिय होते हैं। इसके अलावा भगवान विष्णु को तुलसी दल चढ़ाने से वह अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं। कार्तिक मास में भगवान नारायण केतकी के फूलों से पूजा करने से विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं।
मंत्र- 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय'
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गणेश फूल
भगवान गणेश जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। गणपति को दूर्वा बहुत ही प्रिय होती है और इसके साथ ही उन्हें कोई भी लाल रंग का फूल चढ़ा सकते हैं। लेकिन गणेश को तुलसी दल नहीं चढ़ाना चाहिए। 
मंत्र-
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

सूर्य प्रिय फूल 
भगवान सूर्य सभी ग्रहों के राजा के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें आक का फूल और जल सबसे ज्यादा प्रिय है। भगवान शिव को धतूरा और अपराजिता के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। 
मंत्र-
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
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हनुमान प्रिय फूल
बजरंगबली को लाल फूल, लाल गुलाब, लाल गेंदा और तुलसीदल बहुत प्रिय होता है। लाल पुष्प चढ़ाने से हनुमानजी हर मनोकामना जल्दी से जल्दी पूरी कर देते हैं।
मंत्र- श्री हनुमंते नम:

श्रीकृष्ण का प्रिय फूल  
भगवान श्रीकृष्ण को वैजंतीमाला और तुलसीदल बहुत ही प्रिय होता है। इसके अलावा उन्हें कुमुद, करवरी, चणक, मालती, पलाश व वनमाला के फूल प्रिय हैं।
मंत्र- कृं कृष्णाय नमः

लक्ष्मी प्रिय फूल 
धन की देवी मां लक्ष्मी का सबसे प्रिय फूल कमल है। इसके अलावा उन्हें पीला फूल और लाल गुलाब चढ़ाकर भी प्रसन्न किया जा सकता है।
मंत्र- ॐ श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै श्रीं श्रीं ॐ नम:
महालक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
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शनिदेव प्रिय फूल 
भगवान शिव ने शनिदेव को न्यायाधीश का दर्जा दिया है। शनिदेव को नीला फूल बहुत ही प्रिय होता है।
मंत्र- 
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
 ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।

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