Edited By Jyoti,Updated: 21 Jul, 2019 03:01 PM
श्रावण मास में शिव की भक्ति करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। भगवान भोलेनाथ सहज ही भक्तों की भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए अर्धनारीश्वर सभी को प्रिय है।
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श्रावण मास में शिव की भक्ति करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। भगवान भोलेनाथ सहज ही भक्तों की भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए अर्धनारीश्वर सभी को प्रिय है। वैसे तो उनके पूजन के लिए अलग-अलग विधान हैं लेकिन भक्त अपनी कामनाओं के लिए जैसे चाहें उनका पूजन कर सकते हैं।
शवे भक्ति: शिवे भक्ति: शिवे
भक्तिर्भवे भवे।
अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव
शरणं मम्।।
उच्चारण में अत्यंत सरल शिव शब्द अति मधुर है। शिव शब्द की उत्पत्ति वश कांतौ धातु से हुई है जिसका तात्पर्य है, जिसको सब चाहें वह शिव हैं और सब चाहते हैं आनंद को अर्थात शिव का अर्थ हुआ आनंद। भगवान शिव का ही एक नाम शंकर भी है। शं यानि आनंद एवं कर यानि करने वाला अर्थात आनंद को करने वाला या देने वाला ही शंकर है। शिव को जानने के बाद कुछ शेष रह नहीं जाता।
प्रात: सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें।
फिर शुद्ध वस्त्र धारण कर भगवान शिव का पंचोपचार या षोडषोपचार पूजन करें।
अन्न का ग्रहण न करें।
क्रोध, काम, चाय, काफी पर नियंत्रण रखें।
दिन भर नम: शिवाय का जाप करें।
शिव का पूजन सदा उत्तर की तरफ मुंह करके करना चाहिए क्योंकि पूर्व में उनका मुख, पश्चिम में पृष्ठ भाग एवं दक्षिण में वाम भाग होता है।
शिव के पूजन के पहले मस्तक पर चंदन अथवा भस्म का त्रिपुंड लगाना चाहिए।
पूजन के पहले शिवलिंग पर जो भी चढ़ा हुआ है उसे साफ कर देना चाहिए।
भगवान भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न
सावन का हर दिन शुभ व मंगलकारी है। पूरे माह हर दिन भोलेनाथ का गंगाजल, जल, दूध, दही, घी, मधु आदि से अभिषेक करना चाहिए। सावन में जलाभिषेक व बेलपत्र अर्पित करने से शिव श्रद्धालुओं की हर मुराद पूरी करते हैं। सावन में इन उपायों को करने से बहुत लाभ होता है।
शिव को 108 या 21 बेलपत्र अर्पित करके पूजा करना शुभ फलदायी होता है। बेलपत्र की माला चढ़ाने से विवाह की बाधाएं दूर होंगी। सावन में बेलपत्र पर राम लिख कर सौ बेलपत्र की माला बनाकर बाबा को अर्पित करनी चाहिए। इससे विवाह योग्य कन्या के विवाह की अड़चनें दूर हो जाएंगी। सावन में रुद्राभिषेक का खास महत्व है। खासकर सोमवार को रुद्राभिषेक करने पर विशेष फल मिलता है। भोलेनाथ का दूध, घी, मधु, दही, गन्ने के रस, गुड़, शक्कर आदि से रुद्राभिषेक करने पर खास लाभ मिलता है। रुद्राष्टक और नीलसूक्त का प्रतिदिन पाठ करें। सावन में बेलपत्र, दूध, गंगाजल,भांग, धतूरा, मदार फूल भोलेनाथ को अर्पित करने से शनि भी प्रसन्न होंगे।