यहां सबसे छोटे रूप में विराजमान हैं बजरंगबली

Edited By Jyoti,Updated: 19 May, 2018 05:57 PM

hanuman garhi in ayodhya

श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या की सरयू नदी में स्नान करने के लिए लोग दूर-दूर आते हैं। इसी नदी के तट पर हनुमान गढ़ी मंदिर स्थित है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के फैज़ाबाद ज़िले के अयोध्या रेलवे स्टेशन से 1 किं.मी. की दूरी पर स्थित है।

PunjabKesari

श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या की सरयू नदी में स्नान करने के लिए लोग दूर-दूर आते हैं। इसी नदी के तट पर हनुमान गढ़ी मंदिर स्थित है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के फैज़ाबाद ज़िले के अयोध्या रेलवे स्टेशन से 1 किं.मी. की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को अयोध्या के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है, जो पवनपुत्र हनुमान जी को समर्पित है। मंदिर परिसर अयोध्या के बीच एक टीले पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए 76 सीढ़िया चढ़नी होती है, जिसके बाद बजरंगबली के सबसे छोटे रूप के दर्शन करने को मिलते हैं। 

PunjabKesari

मान्यता है कि भगवान राम जब लंका जीतकर अयोध्या लौटे थे, तो उन्होंने अपने प्रिय भक्त हनुमान को रहने के लिए यही स्थान दिया था। साथ ही यह अधिकार भी दिया कि जो भी भक्त यहां दर्शन के लिए अयोध्या आएगा, उसे पहले हनुमान का दर्शन-पूजन करना होगा, उसके बाद ही उसे यात्रा का पुण्य लगेगा। यह स्थान रामकोट (राम जी का जन्म स्थान) के पश्चिम से लंबी दूरी पर स्थित है। 

PunjabKesari

अंजनीपुत्र की महिमा से परिपूर्ण हनुमान चालीसा मंदिर की दीवारों पर सुशोभित हैं।  कहते हैं कि हनुमान जी के इस दिव्य स्थान पर आकर जिस किसी ने भी मुराद मांगी है, हनुमानलला ने उसे पूरा किया है। तभी तो अपने इकलौते पुत्र के प्राणों की रक्षा होने पर अवध के नवाब मंसूर अली ने इस मंदिर का जीर्णोंद्धार कराया।

PunjabKesari

इस बारे में एक पौराणिक कथा प्रचलित है कि एक बार नवाब का पुत्र बहुत बीमार पड़ गया। पुत्र के प्राण बचने के कोई आसार न देखकर नवाब ने बजरंगबली के चरणों में माथा टेक दिया। संकटमोचन ने नवाब के पुत्र के प्राणों को वापस लौटा दिया, जिसके बाद नवाब ने न केवल हनुमानगढ़ी मंदिर का जीर्णोंद्धार कराया, बल्कि इस ताम्रपत्र पर लिखकर यह घोषणा की, कभी भी इस मंदिर पर किसी राजा या शासक का कोई अधिकार नहीं रहेगा और न ही यहां के चढ़ावे से कोई टैक्‍स वसूल किया जाएगा।

PunjabKesari

हनुमानगढ़ी मंदिर के पास ही जामवंत किला, सुग्रीव किला और रामलला का भव्य महल भी था। उसी राम कोट क्षेत्र के मुख्य द्वार पर स्थापित हनुमान लला का भव्य रूप देखते ही बनता है। वास्तव में हनुमान गढ़ी एक गुफा मंदिर है जिसमे 76 सीढ़ियों द्वारा प्रवेश किया जाता है। जिस ढंग से इस मंदिर का निर्माण किया गया है वो बेहद हो स्मरणीय है। गुमवदार सीढ़ियों पर चढ़ने के पश्चात वो स्थल आता है जहां श्री हनुमान जी निवास करते थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान यहां गुफा में रह कर हनुमान रामकोट की निगरानी करते थे। मुख्य मंदिर में मा अंजनी की एक प्रतिमा है जिसमें बाल हनुमान उनकी गोद में बैठे हुए है। कहा जाता है इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मान्यताएं पूर्ण हो जाती है।

PunjabKesari

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!