Edited By Jyoti,Updated: 07 Mar, 2022 05:01 PM
प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को पूरे देश में धूमधाम से होली का त्यौहार मनाया जाता है। माना जाता है हिंदुओं में इस पर्व को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली दो दिवसीय त्यौहा
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को पूरे देश में धूमधाम से होली का त्यौहार मनाया जाता है। माना जाता है हिंदुओं में इस पर्व को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली दो दिवसीय त्यौहार माना जाता है। होली के पूर्व संध्या को लोकप्रिय रूप से 'होलिका दहन' के नाम से जाना जाता है। जिसके बाद रंग वाली होली 18 मार्च, शुक्रवार को मनाई जाती है। जिसका अर्थ है इस बार 17 मार्च, गुरुवार को होली दहन किया जाएगा। धार्मिक शास्त्रों व ग्रंथों में इस दिन को बुराई पर अच्छाई के जीत के रूप में मनाया जाता है।
कहा जाता है कि होली उन त्यौहारों में से एक है जिस दौरान लोग अपने आपसी भेदभावों को भूलकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं, और होली खेलते हैं। जिस कारण इस त्यौहार को भाईचारे और समानता के संदेश को बढ़ावा देने वाला माना जाता है। जिस तरह रंगों की होली का अधिक महत्व है, ठीक उसी तरह होलिका दहन का भी बहुत महत्व है। मान्यता है इस दिन व्रत-पूजा पाठ करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं। साथ ही साथ देवी लक्ष्मी घर में निवास करते हैं। तो वहीं इसके अलावा होलिका दहन के दिन कई तरह के ज्योतिष और वास्तु उपाय भी किए जाते हैं। इतना ही नहीं ज्योतिष शास्त्र में इस बारे में भी जानकारी दी गई है, कि इस दिन व्यक्ति को कौन से कार्य नहीं करने चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं होलिका दहन पर कौन से काम नहीं करने चाहिए।
होलिका दहन के दिन को लेकर मान्यता प्रचलित है कि इस दिन व्यक्ति को सफेद रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। ऐसा माना जाता है ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियों का हावी होने का डर रहता है। इसके अलावा इस बात का ध्यान भी रखें कि इस दिन किसी सफेद खाद्य पदार्थ का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
इस दिन किसी को पैसे उधार देने से बचना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि होलिका दहन के किसी को पैसे उधार देने से व्यक्ति के आर्थित रूप से परेशानी झेलनी पड़ती है।
अख्सर देखा जाता है कि कुछ महिलाएं हर समय बाल और सिर खुला रखते हैं। होलिका दहन को लेकर मान्यता है कि इस दिन महिलाओं को न तो बाल खुले रखने चाहिए न ही सिर खुला रखना चाहिए। पुरुषों को भी इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि पूजा के दौरान सिर ढककर ही बैठें।
धार्मिक मान्यता है कि नए विवाहित जोड़ों को गलती से भी होलिका दहन की पूजा नहीं देखनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई नवविवाहित जोड़े होलिका दहन की पूजा देखता है तो इसका उनके दांपत्य जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
इस दिन इस बात का सबसे खास ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी हालत में रास्ते पर पड़ी किसी भी प्रकार की वस्तु को हाथ न लगाएं। ऐसा कहा जाता है इस दिन लोग कई तरह के टोटके आदि करते हैं, इसलिए इन्हें हाथ नहीं लगाना चाहिए। वरना इसका नकारात्मक असर पड़ने का डर बना रहता है।