Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Apr, 2018 06:51 AM
अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धन बहुत जरूरी है। आज मंहगाई आसमान को छू रही है, ऐसे में बढ़ते खर्चों के साथ बचत करना बहुत मुश्किल है। अपनी मेहनत पर भरोसा रखें, सूझबूझ के साथ बजट बनाएं।
अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धन बहुत जरूरी है। आज मंहगाई आसमान को छू रही है, ऐसे में बढ़ते खर्चों के साथ बचत करना बहुत मुश्किल है। अपनी मेहनत पर भरोसा रखें, सूझबूझ के साथ बजट बनाएं। इसके अतिरिक्त शुक्रवार के दिन सुबह इस विधि से पूजन करें, स्थाई होगी इनकम और बरसेगा धन धना धन।
पूजा के लिए उत्तर या पूर्व दिशा की आेर मुख रखें और कोई दरी या कंबल बिछाएं। द्वार पर रंगोली बनाएं। थाली में अष्टदल बना कर नव ग्रहों की आकृति आटे से बना कर, गणेश जी, लक्ष्मी जी व सरस्वती जी की प्रतिमाएं रखें। आवाहन करें। अक्षत, पुष्प, अष्टगंध युक्त जल अर्पित करें। दिशा रक्षण के लिए बाएं हाथ से पीली सरसों लेकर दाएं हाथ में ढंक कर चारों दिशाआें में फेंके।
चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर थाली रखें। कलश, धूप और दीप रखें। कलश में जल भर कर उसमें गंगाजल, थोड़े से चावल, एक चांदी या प्रचलित सिक्का डाल दें। कलश पर आम के 5 या 7 पत्ते रखें। पानी वाले नारियल पर 3 या 5 चक्र कलावा या मौली बांधकर कलश पर रख दें। केसर, चंदन से स्वास्तिक बना कर गणेश जी, मां लक्ष्मी व श्रीयंत्र को स्थापित करें। लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाएं ओर रखें। गणेश जी पर अक्षत-पुष्प चढ़ाएं। पंचामृत- दूध, दही, घी, शहद व शक्कर से स्नान करवाकर जल डालें। फिर मौली, जल, चंदन, कुमकुम, चावल, पुष्प, दूर्वा, सिंदूर, रौली, इत्र, धूप दीप, मेवे प्रसाद, फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची व द्रव्य पर 11 रुपए बारी-बारी चढ़ाएं। दूध, दही, घी, मधु, शक्कर, पंचामृत, चंदन, गंगा जल से प्रतिमा को स्नान करवाएं। वस्त्र, उपवस्त्र, आभूषण,चंदन, सिंदूर, कुमकुम, इत्र, फूल आदि समर्पित करें। लक्ष्मी जी की प्रतिमा के हर अंग को पुष्प से पूजे। अंत में उनके चरणों पर इत्र लगाएं। इस मंत्र का जाप करते जाएं- आेम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: