Edited By Jyoti,Updated: 22 Jul, 2020 11:45 AM
वास्तु शास्त्र में घर से लेकर दुकान तथा फैक्टरी आदि तक के बारे में जानकाररी दी गई है। कहा जाता है जो व्यक्ति इसमें दी गई बातों को अपनाता है उसका तो जीवन में कभी वास्तु दोष पैदा नहीं होता।
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वास्तु शास्त्र में घर से लेकर दुकान तथा फैक्टरी आदि तक के बारे में जानकाररी दी गई है। कहा जाता है जो व्यक्ति इसमें दी गई बातों को अपनाता है उसका तो जीवन में कभी वास्तु दोष पैदा नहीं होता। अगर कभी लाइफ में किसी तरह के वास्तु दोष उत्पन्न हो भी जाए और परेशानी ख़ड़ी करने लगे तो इसमें बताई गई बातों पर अमल करने से इससे संबंधित सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं। अब ये तो बात हुई वास्तु शास्त्र की, मगर क्या आप इस बात से रूबरू हैं कि हिंदू धर्म के मुख्य ग्रंथों में से एक भविष्यपुराण में भी ऐसी कई बातों बताई गई हैं जो वास्तु से संबंधित है। अगर आप इस बारे में नहीं जानते तो आज हमारी वेबसाइट के माध्यम से इस बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें।
जी हां, आज हम अपने इस आर्टकिल में बताने वाले हैं भविष्यपुराण में वर्णित ऐसी खास जानकारी, जिसके अनुसार किन्हीं स्थानों पर घर बनवाना बहुत हानिकारक साबित होता है। इससे जीवन में अनचाही परेशानियां और समस्याएं दस्तक देने लगती हैं। तो अगर आप जानना चाहते हैं किस जगह पर बनवाया घर आपके लिए अशुभ प्रभाव ला सकता है, आगे दी जानकारी को अच्छे से पढ़ें-
अक्सर देखा जाता है कुछ लोग चौक आदि पर अपना घर बनवा लेेते हैं, जो वास्तु दोष पैदा करता है। भविष्यपुराण में बताया गया है कि चौक आदि पर सदैव वाहनों आदि का आवागमन होता रहता है, जिस कारण वहां शोर-शराबा भी अधिक रहता है। ऐसे में वहां घर होने से परिवार के लोगों की जीवन में बहुत सी परेशानियां पैदा हो जाती हैं। कहा जाता वास्तु दोष से राहत के लिए साकारात्मक ऊर्जा का होना ज़रूरी होता है परंतु गाड़ियों की आवाजाही से नाकारात्मक ऊर्जा वातावरण में तेज़ी से फैलती है।
भविष्यपुराण की मानें तो कभी भी किसी व्यक्ति को किसी नगर यानि शहर की समाप्त हो रही सीमा पर घर बिल्कुल नहीं बनवाना चाहिए। इसका कारण ये बताया जाता है कि कई बार शहर की सीमा पर आपातकालीन सुविधाएं कम होती हैं, जिस वजह से विभिन्न प्रकार की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा ऐसी जगह पर नकारात्मक ऊर्जा का आगमन भी जल्दी होता है।
शास्त्रों में ऐसा वर्णन मिलता है कि जैसा हम अन्न खाते है, हमारा मन और व्यवहार भी वैसा ही हो जाता है। जैसे कि अगर हम सात्विक भोजन करते हैं तो हमारे मन में भी अच्छी भावनाओं का जन्म होता है तो वहीं अगर हम तामसिक भोजन करते हैं तब हमारा मन गलत कार्यों की ओर अधिक प्रेरित होता है। ठीक इसी तरह जैसे वातावरण में हम रहते हैं हमारा व्यवहार भी वैसे हो जाता है। इसलिए भविष्यपुराण में कहा गया है ऐसी जगह कभी न रहें जहां नौकर रहते हों। ऐसी जगहों पर रहने से व्यवहार में धूर्तता आने लगती है।