Kshamavani parva 2021: जैन समाज आज मनायेगा क्षमावाणी पर्व

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Sep, 2021 12:33 PM

kshamavani parva

पर्युषण पर्व के अवसर पर दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में मंगलवार को क्षमावाणी पर्व पूरे धूम-धाम से मनाने की तैयारी की गयी है। इस दौरान राजधानी के सभी जिनालयों में विशेष रूप से

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नयीं दिल्ली (मानव शर्मा/ नवोदया टाइम्स): पर्युषण पर्व के अवसर पर दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में मंगलवार को क्षमावाणी पर्व पूरे धूम-धाम से मनाने की तैयारी की गयी है। इस दौरान राजधानी के सभी जिनालयों में विशेष रूप से सुबह की शुरूवात क्षमावाणी पूजन के साथ होगी तथा सायंकाल जिनेन्द्र भगवान के बड़े कलशाभिषेक, श्रीजी की माल, क्षमावाणी कार्यक्रमों की धूम रहेगी। साथ ही उपवास करने वाले तपस्वियों का बहुमान किया जायेगा।

श्री पारसनाथ जैन मंदिर के महा मंत्री विकास जैन ने बताया कि जिनालयों में सुबह जिनेन्द्र भगवान का दिव्य मंत्रोच्चार से अभिषेक व शांतिधारा की जायेगी। इन्द्र-इन्द्राणियों ने अष्ट द्रव्यों से नित्य-नियम पूजन, सोलहकारण पर्व व क्षमावाणी की संगीतमयी पूजन के साथ जैन भजनों पर महिला एवं पुरुषों ने भक्ति नृत्य की भी तैयारी की है। पर्युषण पर्व के दौरान उपवास करने वाले श्रावक-श्राविकाओं ने विनती, धार्मिक भजन, मंगल गीतों के साथ धर्म प्रभावना करेंगे। 

समाज के सभी व्यक्ति जिनालयों में पहुंचकर जिनेन्द्र भगवान के कलशाभिषेक कार्यक्रमों में शामिल होंगे। कलशाभिषेक कार्यक्रम के बाद क्षमा याचना की जायेगी। इस दौरान जैन मंदिर के पुजारी प्रदीप जैन शास्त्री ने सारगर्भित शब्दों में क्षमावाणी पर प्रकाश डालेंगे। पुजारी ने पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्युषण पर्व में दस दिन निरन्तर धर्म की आराधना करते हुए मन में जो निर्मलता व पवित्रता उत्पन्न होती है, उसी का वाणी में प्रकट होना ही क्षमावाणी है। इस दिन छोटे हो या बड़े सभी एक-दूसरे से हाथ जोड़कर क्षमा मांगते हैं तथा कहते हैं कि मैंने मन, वचन, काया से, जाने-अनजाने में अगर आपका दिल दुखाया हो तो मैं हाथ जोड़कर आपसे क्षमा मांगता/मांगती हूं। 

भगवान महावीर स्वामी और हमारे अन्य संत-महात्मा भी प्रेम और क्षमा भाव की शिक्षा देते हैं। अत: यही सत्य है कि हर मनुष्य के अंदर क्षमा भाव का होना बहुत जरूरी है। 

अन्य धर्मों ने भी क्षमावाणी को बताया अहम धर्म 
सिख गुरु गोविंद सिंह जी एक जगह कहते हैं- यदि कोई दुर्बल मनुष्य तुम्हारा अपमान करता है, तो उसे क्षमा कर दो क्योंकि क्षमा करना वीरों का काम है।
 
ईसा मसीह ने भी सूली पर चढ़ते हुए कहा यही कहा था कि- हे ईश्वर! इन्हें क्षमा करना, ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।

कुरान शरीफ में भी लिखा है- जो वक्त पर धैर्य रखे और क्षमा कर दे, तो निश्चय ही यह बड़े साहस के कामों में से एक है।  

रथ नहीं निकलेगी पालकी यात्रा
राजधानी के कई दिगम्बर जैन मन्दिर में दशलक्षण एवं पर्युषण पर्व धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर पूजा अर्चना, संगीतमय भजन के अलावा बैण्डबाजे के साथ मन्दिर से मुख्य द्वार से पालकी यात्रा निकालने की भी तैयारी की गयी है। मंदिर के महामंत्री ने बताया कोविड को देखते हुए इस बार रथ यात्रा की अनुमति नहीं मिली जिसके चलते हम इस बार पालकी यात्रा निकालेंगे ।

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