Edited By Lata,Updated: 27 Jan, 2020 02:25 PM
गणेश चतुर्थी 2020: माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को तिलकुंद/तिलकूट चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत कल
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को तिलकुंद/तिलकूट चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत कल यानि 28 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। बहुत से लोग इस दिन व्रत करके भगवान को प्रसन्न करते हैं। पुराणों में भी गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व बताया गया है, खासकर महिलाओं के लिए इस व्रत को उपयोगी माना गया है।
शास्त्रों में वर्णित है कि जो लोग नियमित रूप से विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करते हैं, उनके जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। तिलकुंद चतुर्थी के दिन व्रत रखकर भगवान श्रीगणेश का पूजन करने से सुख-समृद्धि, धन-वैभव तथा आत्मीय शांति की प्राप्ति होती है। आज हम आपको इसकी पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
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गणेश चतुर्थी पूजा विधि
तिलकुंद चतुर्थी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद आसन पर बैठकर भगवान श्रीगणेश का पूजन करें। पूजा के दौरान भगवान श्रीगणेश को धूप-दीप दिखाएं।
भगवान को फल, फूल, चावल, रौली, मौली चढ़ाएं, पंचामृत से स्नान कराने के बाद तिल अथवा तिल-गुड़ से बनी वस्तुओं व लड्डुओं का भोग लगाएं।
एक बात का ध्यन जरूर रखें, जब श्रीगणेश की पूजा करें तो अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें और पूजा के बाद 'ॐ श्रीगणेशाय नम:' का जाप 108 बार करें।
शाम के समय कथा सुनें व भगवान की आरती उतारें।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन गर्म कपड़े, कंबल, कपड़े व तिल आदि का दान करें।
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इस प्रकार विधिवत भगवान श्रीगणेश का पूजन करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि में निरंतर वृद्धि होती है।