Edited By Jyoti,Updated: 21 Jun, 2022 04:42 PM
एक गुरु अपने शिष्यों के साथ गंगा नदी के तट पर नहाने पहुंचे। वहां एक ही परिवार के कुछ लोग अचानक आपस में बात करते-करते एक-दूसरे पर क्रोधित हो उठे और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। गुरु यह देख
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एक गुरु अपने शिष्यों के साथ गंगा नदी के तट पर नहाने पहुंचे। वहां एक ही परिवार के कुछ लोग अचानक आपस में बात करते-करते एक-दूसरे पर क्रोधित हो उठे और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। गुरु यह देख तुरन्त पलटे और अपने शिष्यों से पूछा क्रोध में लोग एक-दूसरे पर चिल्लाते क्यों हैं?
शिष्य कुछ देर सोचते रहे। फिर एक ने उत्तर दिया, क्योंकि हम क्रोध में शांति खो देते हैं इसलिए। पर जब दूसरा व्यक्ति हमारे सामने ही खड़ा है तो भला उस पर चिल्लाने की क्या जरूरत है, जो कहना है वह आप धीमी आवाज में भी कह सकते हैं।
गुरु ने इस पर पुन: प्रश्र किया। कुछ और शिष्यों ने भी उत्तर देने का प्रयास किया पर बाकी लोग संतुष्ट नहीं हुए। अंतत: गुरु ने समझाया जब दो लोग आपस में नाराज होते हैं तो उनके दिल एक-दूसरे से बहुत दूर हो जाते हैं। और इस अवस्था में वे एक-दूसरे को बिना चिल्लाए नहीं सुन सकते। वे जितना अधिक क्रोधित होंगे उनके बीच की दूरी उतनी ही अधिक हो जाएगी और उन्हें उतनी ही तेजी से चिल्लाना पड़ेगा।
वहीं जब दो लोग प्रेम में होते हैं तब वे चिल्लाते नहीं बल्कि धीरे-धीरे बात करते हैं, क्योंकि उनके हृदय करीब होते हैं, उनके बीच की दूरी नाममात्र की रह जाती है। जब वे एक-दूसरे को हद से भी अधिक चाहने लगते हैं तब वे बोलते भी नहीं, वे सिर्फ एक-दूसरे की तरफ देखते हैं और सामने वाले की बात समझ जाते हैं।