Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Jul, 2021 10:54 AM
किसी गांव में एक खलीफा रहता था। वह देखने में शरीफ और नेकदिल इंसान लगता था मगर था शातिर चोर। वह दर्जी का काम करता था इसलिए गांव के लोगों को उस पर शक नहीं होता था। खलीफा का
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Religious Katha- किसी गांव में एक खलीफा रहता था। वह देखने में शरीफ और नेकदिल इंसान लगता था मगर था शातिर चोर। वह दर्जी का काम करता था इसलिए गांव के लोगों को उस पर शक नहीं होता था। खलीफा का एक लड़का था जो पढ़ने में होशियार था और चतुर भी बहुत था। एक रात जब खलीफा चोरी करने गया था, तभी उसकी नींद टूट गई। अब्बाजान को घर में न पाकर उसने मां से पूछा। मां बोली, ‘‘बेटे, तेरे अब्बा रात को मस्जिद जाकर खुदा की इबादत करते हैं। खुदा उन पर रहम खाकर उन्हें बहुत सारा माल देते हैं।’’
खलीफा का लड़का चतुर तो था ही, उसे दाल में काला नजर आया। दो दिन बाद रात को जब खलीफा उठकर चोरी करने गया, तो लड़का भी पीछे हो लिया। खलीफा ने गांव में जाकर एक घर में सेंध लगाई और कुछ देर बाद घर में से माल की गठरी लेकर बाहर आया। घर के बाहर वृक्ष के पास खड़े अपने बेटे से उसका सामना हुआ तो वह बुरी तरह घबरा गया।
बेटे ने कहा, ‘‘अब्बाजान, आप अम्मीजान व मुझे धोखा दे सकते हैं मगर खुदा को नहीं, खुदा सब कुछ देखता है’’
खलीफा ने माफी मांगते हुए कहा, ‘‘बेटे आज तुमने मेरी आंखें खोल दीं। आइंदा मैं चोरी नहीं करूंगा।’’ कहते हुए खलीफा ने गठरी वापस अंदर रख दी। इसके बाद वह बेटे के साथ घर लौट गया।