Saraswati Puja 2021: हर समस्या का होगा नाश, सप्तमी तिथि पर करें सरस्वती पूजा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Oct, 2021 09:01 AM

saraswati puja

मां सरस्वती के प्रकट होने पर ब्रह्मा जी ने उनसे कहा कि इस सृष्टि में सभी जीव मूक हैं। ये केवल चल रहे हैं, इनमें आपसी संवाद करने की सामर्थ्‍य नहीं हैं। इस पर देवी सरस्वती ने उनसे पूछा, प्रभु

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Navratri saraswati puja 2021: मां सरस्वती के प्रकट होने पर ब्रह्मा जी ने उनसे कहा कि इस सृष्टि में सभी जीव मूक हैं। ये केवल चल रहे हैं, इनमें आपसी संवाद करने की सामर्थ्‍य नहीं हैं। इस पर देवी सरस्वती ने उनसे पूछा, प्रभु मेरे लिए क्‍या आज्ञा है ? ब्रह्माजी ने कहा, देवी आपको अपनी वीणा के सुरों से इस संसार को ध्वनि प्रदान करनी है ताकि ये सभी आपस में संवाद कर सकें। एक-दूसरे के दुख-तकलीफ को समझ सकें। स्नेह दे सकें। उनकी आज्ञा का पालन करके मां सरस्वती ने समस्त जीवों को आवाज प्रदान की।

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2021 Saraswati Puja date and time during Navratri: समस्त संसार को ध्वनि प्रदान करने वाली मां सरस्वती की पूजा देवता और असुर दोनों ही करते हैं। इसी ही कारण बसंत पंचमी व नवरात्र में सप्तमी तिथि के दिन भक्तजन अपने-अपने घरों में माता की प्रतिमा स्थापित करते हैं। नवरात्रि के मध्य में मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है और इस पूजा का खास महत्व होता है। आइए जानें, इससे क्या-क्या लाभ होते हैं।

Saraswati puja procedure: नवरात्रि में देवी के तीन स्वरूपों की विशेष पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां काली। नवरात्रि के मध्य में मां सरस्वती की पूजा की जाती है और इस पूजा से ज्ञान, विद्या और बुद्धि का वरदान मिलता है। इसके अलावा संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी इस काल में लिया जा सकता है।

अगर कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है या शिक्षा की बाधा का योग है तो नवरात्रि में मां सरस्वती की पूजा से बुद्धि बल व शिक्षा में सफलता प्राप्ति का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

कैसे करें मां सरस्वती की उपासना और किन बातों का ख्याल रखें?
इस दिन पीले या सफ़ेद वस्त्र धारण करें, काले या लाल वस्त्र नहीं।

तत्पश्चात पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें।

यह पूजा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या संध्याकाल में करें।

मां सरस्वती के समक्ष देसी घी की जोत जलाकर, माता को श्वेत चन्दन के साथ पीले और सफ़ेद पुष्प अवश्य अर्पित करें।

प्रसाद में मिश्री, दही या पीली मीठी वस्तु मिष्ठान इत्यादि समर्पित करें।

माता को बुद्धि, ज्ञान, वाणी में शक्ति प्रदान करने व इनका पूर्ण प्रयोग करने व सुख भोगने का आशीर्वाद प्रदान करने की प्रार्थना करें।

तत्पश्चात मां सरस्वती के बीज मंत्र "ॐ ऐं नमः" या "ॐ सरस्वत्यै नमः" या फिर गायत्री मन्त्र
(ॐ भूर् भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो योनः प्रचोदयात् ) का जाप करें।

 मंत्र जाप के बाद माता को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करें।

आज ही के दिन विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए निम्नलिखित प्रयोग कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है-

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क्या करें अगर एकाग्रता की समस्या है?
जिन लोगों को एकाग्रता की समस्या हो वह आज से नित्य प्रातः सरस्वती वंदना का पाठ करें।
बुधवार को मां सरस्वती को सफ़ेद फूल अर्पित करें।

संगीत या कला के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए
आज केसर अभिमंत्रित करके जीभ  पर "ऐं" किसी धार्मिक व्यक्ति या माता से लिखवाना अच्छा होगा।

नवरात्रि में सरस्वती पूजा के दिन सामान्य रूप से क्या-क्या करना बहुत अच्छा होगा
आज के दिन मां सरस्वती को कलम अवश्य अर्पित करें और वर्ष भर उसी कलम का प्रयोग करें।

पीले या सफ़ेद वस्त्र जरूर धारण करें, काले रंग से बचाव करें।

केवल सात्विक भोजन करें तथा प्रसन्न रहें और स्वस्थ रहें।

आज के दिन स्फटिक या तुलसी की माला को 11 माला गायत्री मन्त्र के जाप द्वारा अभिमंत्रित करके धारण करना भी श्रेष्ठ परिणाम देगा।

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM).

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