Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Jul, 2018 11:36 AM
हिन्दू धर्म में सावन या श्रावण महीने का खास महत्व है। इस महीने में भगवान शंकर की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखते हैं और भगवान शंकर की पूजा करते हैं। उन लोगों को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है और...
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हिन्दू धर्म में सावन या श्रावण महीने का खास महत्व है। इस महीने में भगवान शंकर की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखते हैं और भगवान शंकर की पूजा करते हैं। उन लोगों को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है और सुख-समृद्धि बढ़ती है। अगर शादीशुदा औरतें इस महीने में सोमवार के व्रत रखती हैं, उन्हें भगवान शंकर सौभाग्य का वरदान देते हैं।
श्रावण महीने में शिव का जलाभिषेक किया जाता है। भगवान शंकर सिर्फ जल की चार बूंदें चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को चार बूंदों के बदले चार फर्ज-अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष प्रदान करते हैं। भगवान शंकर को जल चढ़ाने से मन को शान्ति मिलती है। दूध या दही की धारा चढ़ाने से संतान प्राप्ति, गन्ने का रस चढ़ाने से लक्ष्मी, शहद चढ़ाने से पैसों की वृद्धि, घी चढ़ाने से ऐश्वर्य और गंगा जल चढ़ाने से मोक्ष मिलता है।
शास्त्रों की मानें तो रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की सभी मनोकामनाएं भी सहज ही पूरी कर देते हैं। ज्योतिष शास्त्रानुसार जन्मकुण्डली में जातक के किसी ग्रह की महादशा या अन्तर्दशा का सदा ही महत्व रहता है क्योंकि इनके अशुभ योग होने पर भगवान शिव की उपासना तथा रुद्राभिषेक करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। सावन के महीने में अनेक वस्तुओं से रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है।
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