Edited By Lata,Updated: 10 Jan, 2021 02:00 PM
जीवन में ऐसे बहुत से काम होते हैं, जिन्हें नहीं करना चाहिए। हमारे धर्म-ग्रंथों में मनुष्य
जीवन में ऐसे बहुत से काम होते हैं, जिन्हें नहीं करना चाहिए। हमारे धर्म-ग्रंथों में मनुष्य को कौन से काम करने चाहिए और कौन से नहीं करने चाहिए, इसके बारे में कई बातें बताई गई हैं। तो वहीं आज हम आपको शुक्रनीति के अनुसार 3 ऐसे कामों के बारे में बताएंगे, जिन्हें करना तो दूर बल्कि जिनके बारे में सोचना भी गलत होता है।
श्लोक
कूटेन व्यवहारं तु वृत्तिलोपं न कस्यचित्त।
न कुर्याच्चिवन्तयेत् कस्य मनसाप्यहितं कव्चित्।।
शुक्र निति के उपरोक्त श्लोक में आचार्य शुक्र देव ने तीन ऐसे कामों के बारे में बताया है जिनके बारे में हमें सोचना भी नहीं चाहिए। आइए जानते है कौनसे है वो तीन काम-
बुरा व्यवहार
शास्त्रों में हर किसी के साथ समान और प्रेम का व्यवहार करने की बात कही गई है। जो मनुष्य अमीर-गरीब, स्वस्थ-पीड़ित में भेद न करके सभी के लिए समान भावना रखता है और समान व्यवहार करता है, उस पर भगवान हमेशा प्रसन्न रहते हैं और उसकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।
आजीविका को नुकसान
कई लोगों का स्वभाव दूसरों की तरक्की से जलने वाला होता है। ऐसे लोग दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उनके लिए सही-गलत के कोई मायने नहीं होते। जिन लोगों के मन में छल-कपट या जलन जैसी भावनाएं रहती हैं, उन्हें भविष्य में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
हिंसा करना
कई लोगों का स्वभाव हिंसक या बहुत ज्यादा गुस्से वाला होता है। ऐसे लोग किसी को भी नुकसान पहुंचाने से पहले एक बार भी नहीं सोचते। हिंसा करना सभी धर्मों में गलत माना जाता है और ऐसा कर्म करने वाले को जीवन में कभी भी सुख या उन्नति नहीं मिल सकती।