Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Aug, 2025 07:01 AM

Singh Sankranti 2025: हिन्दू पंचांग के अनुसार एक विशेष पर्व है, जब सूर्य ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। अगस्त माह में जब सूर्य कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करता है, तब इसे सिंह संक्रांति कहा जाता है।
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Singh Sankranti 2025: हिन्दू पंचांग के अनुसार एक विशेष पर्व है, जब सूर्य ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। अगस्त माह में जब सूर्य कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करता है, तब इसे सिंह संक्रांति कहा जाता है। यह परिवर्तन न केवल खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से भी इसका बहुत गहरा महत्व है।
इस वर्ष सिंह संक्रांति कब है ?
साल 2025 में सिंह संक्रांति रविवार, 17 अगस्त को मनाई जाएगी। इसी क्षण को संक्रांति काल कहा जाता है और इसी समय से शुभ कर्मों जैसे स्नान, दान और पूजा-पाठ की परंपरा आरंभ होती है।
महापुण्य काल- 5.51 एम से 8.3 ए.म तक
महापुण्य काल को सर्वोत्तम माना गया है। इस समय नदी या पवित्र जल में स्नान कर दान करने से विशेष लाभ मिलता है। यदि किसी कारणवश नदी स्नान संभव न हो, तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है।
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11.59 ए.म से दोपहर 12.51 तक

सिंह संक्रांति का महत्व
हिंदू संस्कृति में संक्रांति के दिन सूर्य की स्थिति और दिशा के आधार पर जीवन के विविध क्षेत्रों में प्रभाव देखा जाता है। सिंह संक्रांति का संबंध विशेष रूप से ऊर्जा, आत्मबल और धर्म-कर्म से है। यह समय आत्मचिंतन, सेवा, दान और सत्कर्मों के लिए अत्यंत उत्तम माना जाता है।इस दिन किए गए कर्म चाहे वह स्नान हो, दान हो, पूजा हो या ध्यान उनका कई गुना फल मिलता है। यह भी माना जाता है कि सिंह राशि अग्नि तत्व की राशि है, अतः सूर्य का यहां प्रवेश करना ऊर्जा में वृद्धि और आत्मबल के उत्थान का संकेत होता है।
कैसे करें संक्रांति स्नान ?
स्नान करते समय शांत मन से सूर्य का ध्यान करें और ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें। स्नान के पश्चात तिल, गुड़, आटा, वस्त्र, फल, घी, दाल आदि का दान किसी योग्य ब्राह्मण, गौशाला या जरूरतमंदों को दें। गाय, कौआ, कुत्ता और चींटी को भी भोजन देना अत्यंत शुभ माना गया है।
सिंह संक्रांति पर क्या-क्या दान करें?
इस दिन किया गया दान कई जन्मों के पापों का शमन करता है और जीवन में सुख-शांति लाता है। सिंह संक्रांति पर इन चीज़ों का दान विशेष रूप से फलदायी होता है। तांबे के बर्तन, गेहूं, चना, दाल, गुड़, लाल वस्त्र, आटा, नमक, घी व तिल। आप सामर्थ्यानुसार किसी भी वस्तु का दान कर सकते हैं। दान करते समय मन में अहंकार न रखें, केवल पुण्य और सेवा की भावना होनी चाहिए।
