Edited By Jyoti,Updated: 19 Dec, 2018 06:15 PM
इतना तो आज कल हर कोई जानता ही है कि वास्तु में दिशाओं का कितना महत्व है। इसकी मानें तो हमारे जीवन में होने वाली हर हलचल का संबंध, जहां हम रहते हैं, वहां की दिशाओं से होता है।
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इतना तो आज कल हर कोई जानता ही है कि वास्तु में दिशाओं का कितना महत्व है। इसकी मानें तो हमारे जीवन में होने वाली हर हलचल का संबंध, जहां हम रहते हैं, वहां की दिशाओं से होता है। तो यदि अगर आप भी जहां रहते हैं वहां दिशाओं का कुछ गलत प्रभाव आप पर पड़ रहा है तो आगे बताए जाने वाली बातें आपके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकती है। कहा जाता है कि अगर कोई ऐसे मकान में रह रहा हो जो दिशा के गलत प्रयोग के कारण वास्तु दोषों से ग्रस्त हो तो कुछ सुझावों को अपनाकर उन दोषों के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति पाई जा सकती है।
वास्तु शास्त्रों के अनुसार अग्नि तत्व के असंतुलन से परिवार के सदस्यों को स्वस्थ्य संबंधी, वैवाहिक, और पैसों की परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए इन खतरों को कम करने के लिए अग्नि तत्व को शांत करना बहुत ज़रूरी होता है। तो इससे बचने के लिए दक्षिण-पूर्व कोण में सरसों के तेल का दिया जलाना चाहिए।
इसके अलावा सूर्योदय के समय दक्षिण-पूर्व कोण में पूर्व की ओर मुंह करके गायत्री मंत्र का जाप करना भी लाभदायक माना जाता है। कहा जाता है कि मकान के सभी कमरों में इस दिशा को नियंत्रित रखकर मकान के दक्षिण-पूर्व कोण में मौज़ूद किसी भी वास्तु दोष का निवारण किया जा सकता है। वाशिंग मशीन, फ्रिज आदि को दक्षिण-पूर्व कोण में रखने से भी वास्तु दोष दूर हो सकते हैं।
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