Edited By Jyoti,Updated: 06 Sep, 2020 11:04 AM
आज आप के जन्मदिन की आप को बहुत शुभकामनाएं। 6 सितम्बर में जन्में व्यक्तियों का मूलांक 6 होता है जिन के स्वामी शुक्र देव हैं। मूलांक 6 वाले जातकों में फैशन व कला के प्रति काफी गहरा आकर्षण होता है।
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आज आप के जन्मदिन की आप को बहुत शुभकामनाएं। 6 सितम्बर में जन्में व्यक्तियों का मूलांक 6 होता है जिन के स्वामी शुक्र देव हैं। मूलांक 6 वाले जातकों में फैशन व कला के प्रति काफी गहरा आकर्षण होता है। ये लोग हमेशा सुसज्जित व साफ सुथरे वस्त्र पहनकर रहते हैं। मूलांक 6 वाले लोग मुख्यतः विपरीत लिंग के प्रति आसक्ति रखते हैं, जिसके चलते इन्हें जीवन में कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है। ये लोग स्वयं की, अपने घर की व अपने आस पास की साज सजावट पर अधिक धन व्यय करते हैं। जिस कारण लोग बहुत बार इनकी वास्तविक आर्थिक स्थिति को नहीं भांप पाते।
आज जिन जातकों का जन्मदिन है उन्हें इस वर्ष चाहिए कि आलस्य को त्याग दें। किसी नई शुरुआत के लिए समय अनुकूल है। सितम्बर के माह में छोटे भाई का साथ मिलेगा। अक्टूबर के माह में घर परिवार में कुछ अनबन का माहौल उत्पन्न हो सकता है। हालांकि कारोबार की दृष्टि से समय अच्छा है। नवम्बर के महीने में व्यवसाय व नौकरी में तरक्की के योग बनते हैं। शिक्षा अध्ययन के लिए भी समय अनुकूल है। परीक्षा में उत्तम परिणाम प्राप्त होंगे। दिसम्बर के महीने में आप अपने ऐशोआराम पर अधिक खर्च कर सकते हैं।
प्रेम सम्बन्धों में किसी प्रकार का शक या वहम आना सम्भव है। वर्ष 2021 के जनवरी के माह में साझेदारी में काम करने से लाभ प्राप्त होगा। फरवरी के माह में कारोबार विस्तार पर विचार किया जा सकता है। नौकरी करने वाले जातकों के पदोन्नति के योग बनते हैं। मार्च का समय सावधानी से बिताएं। पैसे के उधार की स्थिति बन सकती है। अप्रैल के महीने में जीवनसाथी के साथ मन मुटाव होने की संभावना है। कोई त्वचा विकार हो सकता है, समय पर जांच करवाएं। मई का समय विवाह योग्य जातकों के लिए शुभ है। जून के माह में यात्राओं के योग बनते हैं। सरकारी कामों में लाभ मिलेगा।
जुलाई के माह में आप घर परिवार के साथ समय बिताएंगे। दाम्पत्य सुखों में वृद्धि होगी। अगस्त के समय मे आप किसी एन.जी.ओ आदि के साथ जुड़कर समाज कल्याण कार्य में भागीदार बन सकते हैं। इस वर्ष के शुभ फल प्राप्त करने के लिए पीपल वृक्ष पर जल अर्पित करें व गिली मिट्टी से तिलक करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। कन्याओं को यथासम्भव भोजन करवाएं। दही का मंदिर में दान दें। गाय को हरा चारा खिलाएं। माँ लक्ष्मी की आराधना करें व गुलाब का फूल अर्पित करें।
आचार्य लोकेश धमीजा
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