आज कर लें इस मंत्र का जाप, गणेश जी होंगे आप पर दयाल

Edited By Jyoti,Updated: 04 Aug, 2019 09:54 AM

vinayak chaturthi 2019

आज यानि श्रावण मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 4 अगस्त 2019 तिथि को विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन भगवान शिव के पुत्र गणेश जी की पूजन होता है,

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आज यानि श्रावण मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 4 अगस्त 2019 तिथि को विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन भगवान शिव के पुत्र गणेश जी का पूजन होता है, जिन्हें शास्त्रों में सर्वप्रथम देवता का दर्जा प्राप्त है। इसी के चलते हिंदू धर्म के हर प्रकार के धार्मिक आयोजन आदि में इनका पूजन सबसे पहले किया जाता है। माना जाता है इनके पूजन से जातक को मानसिक विकारों से मुक्ति के साथ-साथ ग्रह क्लेश से भी छुटकारा मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के कुछ नियम बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं।

सबसे पहले प्रातः जल्दी  उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें।

इसके बाद भगवान गणेश के मंदिर में एक जटा वाला नारियल और मोदक प्रसाद लेकर जाएं।

फिर उन्हें गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पण करते हुए ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र का 27 बार जाप करें तथा धूप दीप अर्पण करें।

दोपहर पूजन
अपनी सामर्थ्य के अनुसार अपने घर मे पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें। संकल्प के बाद पूजन कर श्री गणेश की आरती करें तथा बच्चों में मोदक बाट दें।
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इसके अलावा करें इस कवच का जाप-
कष्ट निवारक सुरक्षा कवच 
प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम्।
भक्तावांस स्मेर नित्यप्राय: कामार्थसिद्धये।। 1।।

प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम्।
तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववन्नं चतुर्थकम्।।2।।

लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्।। 3।।

नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम्।
एकादशं गणपङ्क्षत द्वादशं तु गजानन्।।4।।

द्वादशैतानि नमानि त्रिसंध्यंय: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो।।5।।

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम्।।6।।

जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासै: फलं लभते।
संवत्सरेण सिङ्क्षद्धच लभते नात्र संशय:।।7।।

अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।।

इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम्।। 
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सिद्धि दायक विशेष गणेश गायत्री मंत्र-
बता दें शास्त्रों में प्रतिदिन या प्रति बुधवार को श्री गणेश की विशेष मंत्रों से पूजा अत्यंत फलदायी मानी गई है। 
एकदंताय विद्महे,वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंति प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।  

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