सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों के 73 फीसदी पद खाली,कैसे होगी पढ़ाई

Edited By Sonia Goswami,Updated: 12 Sep, 2018 01:02 PM

73 of professors vacancies in government colleges will be vacant

भले ही पंजाब सरकार शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लाख दावे कर रही है, लेकिन हालात यह हैं कि पंजाब के कॉलेजों में प्रोफेसरों के सिर्फ 27 फीसदी पद ही भरे हुए हैं, जबकि 73 फीसदी पद खाली हैं। इस कारण छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है लेकिन सरकार इस ओर...

बठिंडाः भले ही पंजाब सरकार शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लाख दावे कर रही है, लेकिन हालात यह हैं कि पंजाब के कॉलेजों में प्रोफेसरों के सिर्फ 27 फीसदी पद ही भरे हुए हैं, जबकि 73 फीसदी पद खाली हैं। इस कारण छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। 

 

पंजाब में कुल 48 सरकारी कॉलेज हैं। इनके लिए कुल 1873 पद हैं, जबकि सिर्फ 507 पदों पर ही प्रोफेसर तैनात हैं और 1366 पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसके अलावा 253 पदों पर पार्ट टाईम अध्यापक रखे हुए हैं। क्षेत्र के लोग इसके लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। प्रदेश में जितने भी सरकारी कॉलेज हैं, उन सभी में स्टाफ की कमी है। 

 

भर्ती न होने के कारण हो रहा नुकसान

रेगुलर अध्यापकों की भर्ती न होने के कारण कॉलेजों की ओर से स्थानीय स्तर पर गेस्ट फैकल्टी आदि अध्यापकों को रखा जा रहा है। इससे छात्रों का नुकसान हो रहा है। क्योंकि इन अध्यापकों को दिया जाने वाला वेतन सरकार से लेने की जगह पीटीए फंड से दिया जा रहा है। इसके खिलाफ छात्र संगठन कई बार संघर्ष भी कर चुका है।

 

अदालत में डालेंगे याचिका
पंजाब कॉलेज टीचर एसोसिएशन के प्रधान प्रो. बरजिंदर सिंह टोहड़ा ने कहा कि प्रोफेसरों की कमी के मामले को कई बार सरकार के ध्यान में ला चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अगर इन रिक्त पदों को तुरंत न भरा गया तो वे अदालत में याचिका दायर करेंगे।

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