Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jul, 2017 04:12 PM
योग या खेलों के सत्र में नियमित रूप से हिस्सा न लेने वाले छात्रों को अब ...
नई दिल्ली : योग या खेलों के सत्र में नियमित रूप से हिस्सा न लेने वाले छात्रों को अब इंजीनियरिंग की डिग्री मिलना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) पूरे देश के इंजीनियरिंग कॉलेजाें में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए योग और स्पोर्ट्स जैसी एक्टिविटी में शामिल होना अनिवार्य कर दिया गया है।इन गतिविधियों में शामिल न होने की सूरत में छात्र को डिग्री प्रदान नहीं किया जाएगा। एआईसीटीई के दायरे में इस वक़्त करीब 10,000 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इनमें लगभग 18 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
नई व्यवस्था के मुताबिक इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए कॉलेजों में आयोजित होने वाले योग या खेलों के सत्र में कम से कम 25 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य होगी। हालांकि इस उपस्थिति के एवज़ में उन्हें अतिरिक्त अंक नहीं मिलेंगे। पहले भी संस्थानों में नेशनल सोशल सर्विस(NSS), नेशनल कैडेट कॉर्प (NCC), उन्नत भारत अभियान आदि जैसे कार्यक्रम पहले भी थे, पर डिग्री प्राप्त करने के लिए ये अनिवार्य नहीं थे।
अधिकारियों के अनुसार इससे छात्रों का संपूर्ण विकास होगा। पढ़ाई के अलावा छात्रों को दूसरी एक्टिविटीज में भी शामिल होना चाहिए। यह उनके लिए बेहतर होगा और साथ ही समाज के लिए अच्छा है। सरकार की उन्नत भारत अभियान में छात्रों को ग्रामीण इलाकों में जाने का मौका मिलेगा। इससे छात्रों को ग्रामीण जीवनशैली और सभ्यता के बारे में पता चलेगा। योग और खेल के जरिये उनकी सेहत अच्छी रहेगी। इससे पहले पिछले महीने यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए कहा था। उसने इस आयोजन में शिक्षकों और बच्चों की सहभागिता का प्रमाण देने काे भी कहा था।